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पुत्रभाव में इसी शेष को जोड़ने से षष्ठ-रिपुभाव और इस षष्ठ भाव में इसी शेष को जोड़ने से-रिपुभाव की सन्धि होती है ।
... लग्न में छह राशि जोड़ने से सप्तम भाव, लग्नसन्धि में छह राशि जोड़ने से सप्तम भाव की सन्धि, द्वितीय भाव में छह राशि जोड़ने से अष्टम भाव, द्वितीय भाव को सन्धि में छह राशि जोड़ने से अष्टम भाव की सन्धि, तृतीय भाव में छह राशि जोड़ने से नवम भाव, तृतीय भाव की सन्धि में छह राशि जोड़ने से नवम भाव की सन्धि, चतुर्थ भाव में छह राशि जोड़ने से दशम भाव, चतुर्थ की सन्धि में छह राशि जोड़ने से दशम भाव की सन्धि, पंचम भाव में छह राशि जोड़ने से एकादश भाव, पंचम भाव को सन्धि में छह राशि जोड़ने से एकादश भाव की सन्धि, षष्ठ भाव में छह राशि जोड़ने से द्वादश भाव और षष्ठ भाव की सन्धि में छह राशि जोड़ने से द्वादश भाव की सन्धि होती है।
उदाहरण१।२४।४३।२१ दशम भाव ६। ०। ०। • जोड़ा ७२४१४३।२१ चतुर्थ भाव में से ४।२३।२५।२७ लग्न को घटाया ३। १११७१५४६ = ०1१५।१२।५९ षष्टांश ४।२३।२५।२७ लग्न में ०।१५।१२।५९ षष्ठांश जोड़ा ५। ८।३८।२६ लग्न की सन्धि में ०।१५।१२।५९ षष्ठांश जोड़ा ५।२३१५११२५ द्वितीय भाव में ०।१५।१२।५९ षष्ठांश जोड़ा ६। ९। ४।२४ द्वितीय भाव की सन्धि में ०।१५।१२।५९ षष्ठांश जोड़ा ६।२४।१७।२३ तृतीय भाव में ०११५।१२।५९ षष्ठांश जोड़ा ७। ९।३०।२२ तृतीय भाव की सन्धि में ०।१५।१२।५९ षष्ठांश जोड़ा ७।२४।४३।२१ चतुर्थ भाव ३० अंश में से ॥ ५।१२।५९ षष्ठांश को घटाया ०।१४।४७। १ शेष
द्वितीयाध्याय
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