________________
तो बुद्धिहीन, निज का हानिकर्ता, वातरोगी एवं अरिष्टनाशक और बारहवें भाव में हो तो चंचल बुद्धि, धूर्त, ठग, अविश्वासी एवं जनता को भूत-प्रेतों की जानकारी द्वारा ठगनेवाला होता है। उच्च राशिगत ग्रहों का फल
रवि उच्च राशि में हो तो धनवान्, विद्वान्, सेनापति, भाग्यवान् एवं नेता; चन्द्रमा हो तो माननीय, मिष्टान्नभोजी, विलासी, अलंकारप्रिय एवं चपल; मंगल हो तो शूरवीर, कर्तव्यपरायण एवं राजमान्य; बुध हो तो राजा, बुद्धिमान्, लेखक, सम्पादक, राजमान्य, सुखी, वंशवृद्धिकारक एवं शत्रुनाशक; गुरु हो तो सुशील, चतुर, विद्वान्, राजप्रिय, ऐश्वर्यवान्, मन्त्री, शासक एवं सुखी; शुक्र हो तो विलासी, गीत-वाद्यप्रिय, कामी एवं भाग्यवान्; शनि हो तो राजा, ज़मींदार, भूमिपति, कृषक एवं लब्ध-प्रतिष्ठ; राहु हो तो सरदार, धनवान्, शूरवीर एवं लम्पट और केतु हो तो राजप्रिय, सरदार एवं नीच प्रकृति का जातक होता है। मूल-त्रिकोण राशि में गये हुए ग्रहों का फल
रवि मूल-त्रिकोण में हो तो जातक धनी, पूज्य एवं लब्ध-प्रतिष्ठ; चन्द्र हो तो धनवान्, सुखी, सुन्दर एवं भाग्यवान्; मंगल हो तो क्रोधी, निर्दयी, दुष्ट, चरित्रहीन, स्वार्थी, साधारण धनी, लम्पट एवं नीचों का सरदार; बुध हो तो धनवान्, राजमान्य, महत्त्वाकांक्षी, सैनिक, डॉक्टर, व्यवसायकुशल, प्रोफेसर एवं विद्वान्; गुरु हो तो तपस्वी, भोगी, राजप्रिय एवं कीर्तिवान्; शुक्र हो तो जागीरदार, पुरस्कारविजेता एवं कामिनीप्रिय; शनि हो तो शूरवीर, सैनिक, उच्च सेना अफ़सर, जहाज़ चालक, वैज्ञानिक, अस्त्रशस्त्रों का निर्माता एवं कर्तव्यपरायण और राहु हो तो धनी, लुब्धक एवं वाचाल होता है। स्वक्षेत्रगत ग्रहों का फल
रवि स्वगृही-अपनी ही राशि में हो तो सुन्दर, व्यभिचारी, कामी एवं ऐश्वर्यवान्; चन्द्रमा हो तो तेजस्वी, रूपवान्, धनवान् एवं भाग्यवान्; मंगल हो तो बलवान्, ख्यातिप्राप्त, कृषक एवं ज़मींदार; बुध हो तो विद्वान्, शास्त्रज्ञ, लेखक एवं सम्पादक; गुरु हो तो काव्य-रसिक, वैद्य एवं शास्त्रविशारद; शुक्र हो तो स्वतन्त्र प्रकृति, धनी एवं विचारक; शनि हो तो पराक्रमी, कष्टसहिष्णु एवं उग्र प्रकृति और राहु हो तो सुन्दर, यशस्वी एवं भाग्यवान् जातक होता है ।
एक स्वगृही हो तो जातक अपनी जाति में श्रेष्ठ; दो हों तो कर्तव्यशील, धनवान्, पूज्य; तीन हों तो राजमन्त्री, धनिक, विद्वान्; चार हों तो श्रीमन्त, सम्मान्य, सरदार, नेता एवं पाँच हों तो राजतुल्य राज्याधिकारी होता है।
भारतीय ज्योतिष
Jain Education International
.
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org