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पंचदश और षोडश वर्ष की आयु का विचार
सिंह के नवांश में शनि हो और राहु द्वारा दृष्ट हो तो बालक की १५ वर्ष की आयु होती है।
___ कर्क के नवांश का शनि, बृहस्पति से दृष्ट हो तो बालक की मृत्यु सर्प दंशन द्वारा सोलह वर्ष की अवस्था में होती है ।
सप्तदश वर्ष की आयु का विचार
शनि मिथुनांश में हो और उसे लग्नेश देखता हो तो बालक की सत्रह वर्ष की आयु होती है।
सप्तदशवर्ष आयुयोग
अठारह वर्ष की आयु का विचार
लग्नेश, अष्टमेश दोनों पापग्रह हों और परस्पर में दोनों एक दूसरे की राशि में स्थित हों अथवा षष्ठ या द्वादश भाव में गुरु से वियुक्त हों तो अठारह वर्ष की आयु होती है।
उन्नीस वर्ष की आयु का विचार
बृहस्पति के नवांश में शनि हो और राहु द्वारा देखा जाता हो तथा लग्नेश शुभ ग्रहों से अदृष्ट हो तो जातक अठारह या उन्नीस वर्ष की अवस्था में मृत्यु को प्राप्त करता है। यदि उसका स्वामी उच्चराशि में हो तो उन्नीस वर्ष की आयु होती है।
चं.
मारतीय ज्योतिषः
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