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२५ से ३० अंश तक शनि हद्देश होता है। कर्क के ७ अंश तक मंगल, ८ से १३ अंश तक शुक्र, १४ से १९ अंश तक बुध, २० से २६ अंश तक गुरु और २७ से ३० अंश तक शनि हद्देश होता है। सिंह के ६ अंश तक गुरु, ७ से ११ अंश तक शुक्र, १२ से १८ अंश तक शनि, १९ से २४ अंश तक बुध और २५ से ३० अंश तक मंगल हद्देश होता है। कन्या के ७ अंश तक बुध, ८ से १७ अंश तक शुक्र, १८ से २१ अंश तक गुरु, २२ से २८ अंश तक मंगल और २९ से ३० अंश तक शनि हद्देश होता है । तुला के ६ अंश तक शनि, ७ से १४ अंश तक बुध, १५ से २१ अंश तक गुरु, २२ से २८ अंश तक शुक्र और २९ से ३० अंश तक मंगल हद्देश होता है । वृश्चिक के ७ अंश तक मंगल, ८ से ११ अंश तक शुक्र, १२ से १९ अंश तक बुध, २० से २४ अंश तक गुरु
और २५ से ३० अंश तक शनि हद्देश होता है। धनु के १२ अंश तक गुरु, १३ से १७ अंश तक शुक्र, १८ से २१ अंश तक बुध, २२ से २६ अंश तक मंगल और २७ से ३० अंश तक शनि हद्देश होता है। मकर के ७ अंश तक बुध, ८ से १४ अंश तक गुरु, १५ से २२ अंश तक शुक्र, २३ से २६ अंश तक शनि और २७ से ३० अंश तक मंगल हद्देश होता है । कुम्भ के ७ अंश तक शुक्र, ८ से १३ अंश तक बुध, १४ से २० अंश तक गुरु, २१ से २५ अंश तक मंगल और २६ से ३० अंश तक शनि हद्देश होता है । मीन के १२ अंश तक शुक्र, १३ से १६ अंश तक गुरु, १७ से १९ अंश तक बुध, २० से २८ अंश तक मंगल और २९ से ३० अंश तक शनि हद्देश होता है ।
मेषादि राशियों के हद्देश मेष वृष मिथुन कक सिंह कन्या तुला वृश्चिक धनु, मकर | कुम्भ । मीन | राशियाँ | बु. | श. | म. गु.| बु. | शु.
सग्रहांक | ६८६ ७
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बगु गु . . | गु. | गु. . . . | गु. | बु. | सग्रहांक मश. म. ग. बुः । म. शु. ए. ६श. म. म. | सग्रहांक
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वर्षकालीन स्पष्टग्रहों से प्रत्येक ग्रह का हद्दा अवगत कर नवग्रहों का हद्दाचक्र बना लेना चाहिए।
मारतीय ज्योतिष
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