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सन्तानवाला, कुलदीपक, उदारवृत्ति तथा १।३।६।८।१५।२१।३६।४०।४५।५६।६३ हन वर्षों में शारीरिक कष्ट, धनहानि और १६॥२०॥२८॥३४॥४११४८।५१ इन वर्षों में भाग्यबुद्धि, धनलाभ, वाहन सुख आदि को प्राप्त करनेवाला; वृष में जन्म हो तो जातक गौरवर्ण, स्त्रियों का-सा स्वभाव, मधुरभाषी, शौक़ीन, उदारवृत्ति, रजोगुणी, ऐश्वर्यवान्, अच्छी संगति में बैठनेवाला, पुत्र से रहित, लम्बे दाँत और कुंचित केशवाला, पूर्णायु और ३६ वर्ष की आयु के पश्चात् दुख भोगनेवाला; मिथुन लग्न में जन्म हो तो गेहुँआ रंग, हास्यरस में प्रवीण, गायन-वाद्य-रसिक, स्त्रियों की अभिलाषा करनेवाला, विषयासक्त, गोल चेहरेवाला, शिल्पज्ञ, चतुर, परोपकारी, कवि, गणितज्ञ, तीर्थयात्रा करनेवाला, प्रथम अवस्था में सुखी, मध्य में दुखी और अन्तिम अवस्था में सुख भोगनेवाला, ३२-३५ वर्ष की अवस्था में भाग्योदय को प्राप्त करनेवाला, मध्यमायु और नाना प्रकार के सुखों को प्राप्त करनेवाला, कर्क लग्न में जन्म हो तो ह्रस्वकाय, कुटिल स्वभाव, स्थूल शरीर, स्त्रियों के वशीभूत रहनेवाला, धनिक, जलाशय से प्रेम करनेवाला, मित्रद्रोही, शत्रुओं से पीड़ित, कन्या सन्ततिवाला, व्यापारी, सुन्दर नेत्रवाला, अपने स्थान को छोड़कर अन्य स्थान में वास करनेवाला, १६ या १७ वर्ष की अवस्था में भाग्योदय को प्राप्त होनेवाला और व्यसनी; सिंह लग्न में जन्म हो तो पराक्रमी, बड़े हाथ-पैरवाला, चौड़े हृदयवाला, ताम्रवर्ण, पतली कमरवाला, तेज़ स्वभाव का, क्रोधी, वेदान्त विद्या को जाननेवाला, घोड़े की सवारी से प्रेम करनेवाला, रजोगुणी, अस्त्र चलाने में निपुण, उदारवृत्ति, साधु-सेवा में संलग्न, प्रथमावस्था में सुखी, मध्यमावस्था में दुखी, अन्तिमावस्था में पूर्ण सुखी तथा २१ या २८ वर्ष की अवस्था में भाग्योदय को प्राप्त करनेवाला; कन्या लग्न में जन्म हो तो ज़नाने स्वभाव का, श्रृंगारप्रिय, बड़े नेत्रवाला, स्थूल तथा सामान्य शरीर का, अल्प और प्रियभाषी, स्त्री के वश में रहनेवाला, भ्रातृद्रोही, चतुर, गणितज्ञ, कन्या सन्तति उत्पन्न करनेवाला; धर्म में रुचि रखनेवाला, प्रवासी, गम्भीर स्वभाववाला, अपने मन की बात किसी से नहीं कहनेवाला, बाल्यावस्था में सुखी, मध्यावस्था में सामान्य और अन्त्यावस्था में दुखी रहनेवाला और २३-२४ से ३६ वर्ष की अवस्था पर्यन्त भाग्योदय द्वारा धन-ऐश्वर्य बढ़ानेवाला; तुला लग्न में जन्म हो तो गौरवर्ण, सतोगुणी, परोपकारी, शिथिल गात्र, देवता-तीर्थ में प्रीति करनेवाला, मोटी नासिकावाला, व्यापारी, ज्योतिषी, प्रिय वचन बोलनेवाला, लोभरहित, भ्रमणशील, कुटुम्ब से अलग रहनेवाला, स्त्रियों का द्रोही, वीर्य-विकार से युक्त, प्रथमावस्था में दुखी, मध्यमावस्था में सुखी, अन्तिमावस्था में सामान्य, मध्यमायु और ३१ या ३२ वर्ष की अवस्था में भाग्यवृद्धि को प्राप्त करनेवाला; वृश्चिक लग्न में जन्म हो तो ह्रस्वकाय, स्थूल शरीर, गोल नेत्र, चौड़ी छातीवाला, निन्दक, सेवाकर्म करनेवाला, कपटी, पाखण्डी, भ्राताओं से द्रोह करनेवाला, कटु स्वभाव, झूठ बोलनेवाला, भिक्षावृत्ति, तमोगुणी, पराये मन की बात जाननेवाला, ज्योतिषी, दयारहित, प्रथमावस्था में दुखी, मध्यमावस्था में सुखी, पूर्णायुष और २० या २४ वर्ष की अवस्था में भाग्योदय को
मारतीय ज्योतिष
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