Book Title: Abhidhan Rajendra Kosh ki Shabdawali ka Anushilan
Author(s): Darshitkalashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trust
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प्रतिमा के प्रकार उपासक प्रतिमा उपासक प्रतिमा और उसके भेद दर्शन प्रतिमा व्रत प्रतिमा सामायिक प्रतिमा पौषध प्रतिमा प्रतिमा (दिवाब्रह्मचर्य-रात्रिभोजनत्याग प्रतिमा ब्रह्मचर्य प्रतिमा सचिताहार त्याग प्रतिमा आरम्भ-त्याग प्रतिमा प्रेष्य-त्याग प्रतिमा उद्दिष्ट-भक्त परिज्ञा श्रमणभूत प्रतिमा क्षुल्लक
एलक
प्रतिमाधारी श्रावक के गुण प्रतिमा का कालमान .
प्रतिमा पालन से लाभ ........ पञ्चम परिच्छेद - आचारपरक शब्दावली के वाच्यार्थ का विस्तार .............. 1. श्वेताम्बर परम्परा और जैनाचार .....
आचार आचार्य उपाध्याय मुनि साधु के गुण साधु के दैनिक कर्तव्य साधु के चातुर्मासिक कर्तव्य पर्युषण पर्व के साधुओं के धर्मकार्य मुनि के उपकरण मार्गानुसारी श्रावक के गुण श्रावक के गुण श्रावक के 14 नियम बारह व्रत ग्यारह उपासक प्रतिमाएँ श्रावक के कर्तव्य श्रावक के दैनिक कर्तव्य जैनों के संध्या कर्तव्य जैनों के रात्रिकालीन कर्तव्य जैनो के चातुर्मासिक कार्य जैनियों के वार्षिक कर्तव्य जैनियों के जीवन भर के बृहत्कर्तव्य
श्रावकों के पर्युषण पर्व के कर्तव्य श्वेताम्बर परम्परा में पूजा विधि
अंगपूजा, अग्रपूजा, भावपूजा 2. दिगम्बर परम्परा और जैनाचार
पाँच महाव्रत साधु के भेदों के अनुसार गुण आर्यिका श्रावक
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