Book Title: Abhidhan Rajendra Kosh ki Shabdawali ka Anushilan
Author(s): Darshitkalashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trust
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व्रत ............
35. पुस्तक/जिनागम लेखन करवाना
36. तीर्थ/जैन संघ में प्रभावना जिन पूजा .......... जिन पूजा के दो भेद द्रव्यपूजा के प्रकार ........................ दशत्रिक .....................
अष्टप्रकारी पूजा त्रिकाल जिनपूजा जिनपूजा में सप्तशुद्धि पांच अभिगम जिनमंदिर में त्याग करने योग्य 84 आशातनाएँ जिनस्तव जिनथुणणं (जिनस्तवनम्)
गुरुथुणणं (गुरुस्तवनम्) भक्ति (भत्ति)......... देशविरति
अणुव्रत, गुणव्रत, शिक्षाव्रत
क्रमभिन्नता में आचार्यों की विवक्षा की कारणता सम्यक्त्व व्रत ......... स्थूल प्राणातिप्रातविरमण व्रत स्थूल मृषावाद विरमण व्रत . स्थूल अदत्तादान विरमण व्रत ............ स्थूल मैथुनविरमण व्रत ........ स्थूल परिग्रहपरिमाण व्रत ............... दिग्वत/दिशापरिमाण व्रत भोगोपभोग परिमाण व्रत ............... बाईस अभक्ष्य बत्तीस अनन्तकाय ..........
सचित्त परिमाण आदि चौदह नियम
पन्द्रह कर्मादान अनर्थदण्डविरमण व्रत सामायिक व्रत देशावकाशिक व्रत पौषधोपवास व्रत ......
पौषध का स्वरुप पौषध के प्रकार पौषध का फल पौषध करने से लाभ पौषध के अठारह दोष
पौषधोपवास व्रत के पाँच अतिचार अतिथिसंविभाग (अइ(ति) हि संविभाग) शिक्षाव्रत का फल ............ अणुव्रत : एक समग्र दृष्टि ............ श्रावक व्रत ग्रहण विधि ...... उपासक प्रतिमा ............
'प्रतिमा' शब्द का वाच्यार्थ
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