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गुरू वह है जो होश जगाए, जागृति लाए, मार्ग दिखाए
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मालुम हो गया। पिताजी गाँधी विचारधारा के रहे थे, तो उन्होंने कहा कि लड़का किसी वात को लेकर हड़ताल पर बैठ गया है । जानता कुछ है नहीं, गाँधी की होड़ करने लगा है। मेरे ताऊजी जो भक्ति और ज्ञान के संयम थे; लेकिन वे आँखों से अन्वे थे । वे मुझसे बेहद प्रेम करते थे; उन्होंने मुझसे पूछा कि, "खाने की हड़ताल क्यों कर रखी है ?" पहले तो मैं कुछ समझा ही नहीं, क्योंकि पिताजी के शब्दों का तो मुझे बाद में पता लगा । उन्होंने पिताजी का हवाला अपनी बातों में दिया और कहा कि “क्या बात है मुझे तो बताओ।" मैंने कहा कि "ऐसी कोई बात नहीं है; बात केवल इतनी सी है कि अब तो मैं खाना जब ही खाऊंगा, जब मुझे गोपाल जी स्वयं आकर खिलायेंगे।" ताऊजी की उम्र उन दिनों पिचहत्तर वर्ष की रही होगी, आजीवन अविवाहित थे, भागवत गीता तथा रामायण का गहन अध्ययन उनको था इसके अतिरिक्त दुनियादारी का अनुभव भी उनको था ही वोले, “पागल हो गया है भला कहीं निगुर (बिना किसी को गुरू बनाए) भी किसी को ज्ञान होता है ? बिना ज्ञान के कहीं किसी को कुछ उपलब्ध होता है ? उनके इस तर्क को मेरा भक्ति सुलभ मन नहीं समझ सका, क्योंकि मुझे याद है जब मैंने कहा था, "एक तरफ मैं हूँ और दूसरी तरफ मेरा गोपाल, बी च में यह गुरु क्या चीज है ? और इसकी यहाँ जरूरत क्यों कर आ पड़ी? और यदि फिर भी किसी ज्ञान की मुझे जरूरत होगी तो गोपाल जी स्वयं अपने आप कोई रास्ता निकालेंगे।"
उन्होंने अपने अनुभव और ज्ञान के उदाहारण देकर मुझे अन्ततः इस बात पर राजी कर ही लिया कि बिना गुरू के बनाये की गई साधना निष्फल ही रहती है, इसलिए चाहे किसी को भी अपना गुरू बना, लेकिन पहले इस काम को अंजाम अवश्य दे; फिर भले ही कुछ भी करना। गुरू की महिमा, गुरू का चुनाव, गुरू की जरूरत पर एक लम्बा भाषण उन्होंने मुझे दिया, मुझे गुरू के ऊपर सोचने के लिये मजबूर कर दिया तथा उन्होंने मुझसे मेरे लंघन करने के दूसरे दिन किसी को भी अपना गुरू बनाने के लिये हाँ कराली। तीसरा दिन एक तो शारीरिक कमजोरी का दिन था, क्योंकि मैं पानी भी नहीं पी रहा था दूसरे मानसिक रूप से गुरू खोजने में मेरा दिमाग व्यस्त था। शाम को श्री नवलकिशोर जी गोस्वामी जो पिछले दिनों डीग पेट्रोल पम्प पर रहा करते थे, उनके पास मैं एक मित्र के साथ पहुंचा। वहां पहुंच कर मैंने अपने मन की स्थिति तथा ताऊजी के साथ जो मेरा वार्तालाप हुआ था उन्हें बताया। उन्होंने कहा कि "तुम जैसा
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