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योग और साधना
सीढ़ी दर सीढ़ी अपनी क्षमतानुसार बढ़ाना चाहिए ।
हमारे शरीर में भी फैले हुये नाड़ियों के जाल को, जिनके द्वारा कुण्डलिनी शक्ति प्रवाहित होती रहती है, सुरक्षित बनाये रखने के लिये बार-बार हमारे बाध्यात्म में हल्के और सात्विक खाने पर जोर दिया गया है और मैं भी इसी बात को महत्वपूर्ण मानकर अलग-अलग तरीकों से बार-बार यही बात लिखने की कोशि कर रहा हूँ ।
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योग में गाय का महत्व उसके शरीर से कम बल्कि उसके दूध से ज्यादा है जिसमें तमाम गुणों के साथ भारीपन का अवगुण नहीं है । शाकाहार का महत्व भी उसके हल्केपन की वजह से ज्यादा है। नशों को वर्जित करने का कारण भी उनके द्वारा हमारे मस्तिष्क पर पड़ने वाला अतिरिक्त भार ही है ।
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