Book Title: Yog aur Sadhana
Author(s): Shyamdev Khandelval
Publisher: Bharti Pustak Mandir

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Page 228
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २२४ योग और साधना रहेंगे, कितने विश्वास के साथ माया के बदलाव को यह एक ही लाईन में प्रस्तुत करे दे रही है । इसका मतलब यह है कि दिन बदलते हैं दिन के साथ उसका स्वरूप बदलता है और यह बदलाव हमेशा हमारे जीवन में क्रान्ति लाता है । बुद्ध की आंखें खुली उसके बूढ़े सारथी के यथार्थ कहने के पश्चात्, तुलसीदास की आँखें खुलीं उसकी पत्नी के तीखे लेकिन सत्य कटाक्ष वचनों के बाद, सूरदास को ज्ञान उपलब्ध हुआ जब कुंवारी लड़की ने ये कहा कि ये स्तन तो बिल्कुल वैसे ही हैं जैसे प्रत्येक माँ के होते हैं, और न जाने कितने ही माया से अंधे लोगों के चक्ष खुले हैं उनके सामने यथार्थ के उघड़ जाने के पश्चात् । इसलिये मैं ऐसे लोगों से केवल इतना ही कहूँगा कि एक रास्ता तो यह है, कि वे अभी और भोगें, इस संसार में रची, बसी माया का आनन्द बल्कि और ज्यादा तन्मयता से भोगें, जब आप भोगेंगे इस संसार को, तो ध्यान रखना यह संसार नहीं भुगतता बल्कि हम स्वयं ही भुगत जाते हैं। तब हमारी आँखें अपने आप खुल जाती है । उससे पहले तो आप नशे में रहते हैं, जब तक नशा रहता है आपको, तब तक बदलाब नहीं आ सकता लेकिन नशे के टूटते ही हम दुःखी हो जाते हैं । जैसे हमने पहले रंगीन चश्मा पहन रखा था । हम जो देखते थे सारा नजारा रंगीन ही दिखाई देता था, बड़ा आनन्द था लेकिन चश्मे के उतरते ही तमाम रंग गायब हो जाते हैं, तब हम आनन्द के विपरीत विषाद से भर जाते हैं, जितने गहरे नशे में हम होते है उतने ही ज्यादा आनन्दित भी होते हैं लेकिन जब वह गहरा नशा टूटता है तब हमको प्राप्त होने वाला विषाद भी ज्यादा गहरा ही होता है और जितना ज्यादा गहरा विशाद होगा उतना ही ज्यादा बदलाव भी होगा और जितना ज्यादा गहरा बदलाव आयेगा हमारे समक्ष क्रान्ति भी उतनी ही बड़ी हमारे जीवन में घटित होगी तब हम यथार्थ के धरातल पर अपने आपको खड़े पायेंगे और चौंकेंगे भी कि अभी तक हम कहाँ थे और अब इतनी सी देर बाद हम कहाँ आ गये हैं, तो ऐसे लोग जो अभी यह कहते है कि बेकार में हम ध्यान के, समाधि के या मुक्ति के झमेले में क्यों पड़ें, उनके लिये तो मेरा बस इतना ही कहना है कि अभी वे इस बीमारी से दूर रहें, इस झंझट से दूर रहें । जितना ज्यादा दूर इन झंझटों के विपरीत आप जायेंगे। गोल धेरे के नियमानुसार उतना ही आप इसके नजदीक पहुँच जावेंगे। For Private And Personal Use Only

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