Book Title: Yog aur Sadhana
Author(s): Shyamdev Khandelval
Publisher: Bharti Pustak Mandir

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Page 243
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir साधकों के हितार्थ कुछ खास बातें २३६ नाम से दूसरी चित्रणी नाड़ी के नाम से तथा तीसरी ब्रह्म नाड़ी के नाम से जानी जाती है। यदि कोई साधक तामसी वृत्तियों से प्रभावित है तो उसका प्रवेश बज्र नाड़ी के द्वारा होता है । जिसके कारण से उसे उस समय बड़े भयावह दृश्यों का सामना करना पड़ता है या दूसरे शब्दों में उस साधक का मार्ग आसुरी शक्तियों की तरफ मुड़ जाता है, जबकि राजसी वृत्ति के साधक के प्राण चित्रणी नाड़ी मैं से होकर ऊपर चढ़ते हैं तो उसे उस समय बड़े ऐश्वर्यपूर्ण राज प्रासाद, रास रंग, बड़े मोहक दृश्य, बड़ी मोहक सुगन्ध, बड़ी सुन्दर-सुन्दर अपसरायें या अन्य विभिन्न प्रकार के विमानों से उपकी यात्रायें होती रहती हैं ये लक्षण देवताओं की शक्ति की तपफ मुड़ने के हैं। इन दोनों के अलावा एक तीसरी अवस्था इन दोनों से ऊँची और है वह उन साधकों के लिए है जो सात्विकी वृत्ति वाले हैं उस समय उनके प्राण ब्रह्म नाड़ी में से होकर जाते हैं इस कारण से वह सुर या आसुरी शक्तियों के झेमेले में न पड़कर सीधा अपने स्वयं के ब्रह्म की ओर अग्रसर होकर अपनी स्वयं की चेतना की शक्ति का विकास करने लगता है जिसकी वजह से वह सदा उत्तरोत्तर उच्च अवस्था को प्राप्त करता रहता है और मुक्त हो जाता है। जैसे राम के पास आध्यात्मिक शक्तियाँ थी वैसे ही रावण के पास भी अलोकिक आध्यात्मिक शक्तियाँ थीं। लेकिन राम और रावण में मौलिक भेद उनके सात्विकी और तामसी गुणों से प्रभावित वृत्तियों का ही है । इसलिये साधक को हमेशा ही अपने चित्त पर सस्व का संयम साधना चाहिये । 5. अपने मन में बिना किसी ऊँच नीच की परवाह किये आध्यात्मिक सत्संग का उसे जहां भी वह उपलब्ध हो बिना किसी तर्क कुतर्क के अपने विवेक से ग्रहण करें। 6. गृहस्थ साधकों को योग में कठिन तपस्याओं से जहां तक हो सके बचना चाहिये और हठ योग के बजाय सहज योग को ही अपनाना चाहिये । यदि फिर भी कुछ खास अनुभव प्राप्त करने के लिये ही यदि कोई साधक अपनी साधना के दौरान लम्बे उपवास रखे या अन्य कोई कष्ट प्रद रास्ता अपनाये तो उसे अपनी सेहत का ध्यान रखकर ही वह रास्ता अपनाना चाहिये । ऐसी अवस्था में वह अपने श्रम व्यय करने वाले कार्यों से हर सम्भव बचे तथा अपनी इच्छा शक्ति को अप्रत्याशित रूप से दृढ़ रखें। For Private And Personal Use Only

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