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दीक्षा के लिए गुरु की खोज में पू० अमरेन्द्रविजयजी म.सा से भेंट हई और उन्होंने समाधि विचार नामक छोटी सी पुस्तक मुझे दो। उसे मैं कई बार पढ़ गया। उस समय तत्काल दीक्षा लेने के विचार चल रहे थे। अत: इस शुभ अवसर पर ऐसा आयोजन करने का विचार पाया कि जीवन में धर्म को उतारने में अत्यंत उपयोगी इन चीजों का स'ग्रह और सपादन हिंदीभाषी और विशेषतः अपने वतन के लोगों के लिए हो, इसलिए यह स ग्रह किया गया है।
जय वाय राय प्रार्थना सूत्र है, जिसमें वीतराग से मांगने लायक सभी चीजों का समावेश है । अत: इसे नवकार के बाद तुरन्त स्थान दिया है।
पचसूत्र के प्रथम सूत्र को पापप्रतिघात गुण बोजाधान सूत्र कहा है। इससे व्यक्ति पाप का प्रतिघात करके गुण के बीजों का प्राधान करे, गुण बीज बोये । इस लिए मूल सूत्र और उसके नीचे अर्थ दिये हैं। मूल सूत्र का रोज पाठ करना अच्छा रहेगा | अतः उसे मोटे टाइप में दिया है। साथ ही अन्य टाइप में अर्थ देने से सूत्र समझ में अाता रहेगा। सूत्र बहुत ही जरूरी होने से पू०प०जी श्री भानुविजयजी (अब पाचाय) के विवेचन पर से (उनको अनुमति के बाद) सक्षिप्त में हिंदी विवेचन अलग दे दिया है।
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