________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मात्महित के मार्ग पर ले जाने वाले हैं। महारोगसे पीडित हो, बेचैनी हो तथा मृत्यु से बचने की इच्छा हो, उस समय कोई अच्छा वैद्य रोग मिटावे तो कैसा लगे ? अथवा कोई निर्धन हो, फिर सजा मिली हो, कोई सहायक न हो, उसे कोई मदद करे तो वह उस श्रीम'तकी कैसी सेवा करेगा ? इस तरह कल्याण मित्र को ढूढकर उसकी सेवा करें।
महा भयस्थानक में, आक्रमण के समय, किसी जुल्मखोर के जुल्मों से बचने के लिए या आश्रय के लिए किसीको ढूढने पर कोई योद्धा मिल जाय, तो उसे किस तरह, कितने उल्लास से, कैसे बहुमान व केसी परतत्रता से उसकी सेवा करना चाहेगा ? इस तरह कल्याणमित्र की सेवा करें।
इस जगतमें कल्याणमित्र की सेवा से अधिक सुन्दर क्या है ? उसको उपासना हो सुन्दर है। अतः उसके प्रति खूब आदर रखें, उसके कृपाकांक्षी बनें। आज्ञा मिलने पर उसका हृदयपूर्वक स्वीकार हो। जैसे भिखारी को बहुत भटकने पर भी कुछ न मिले, अत्यन्त भूखा हो, बहुत देर हुई हो तब कुछ मिले तो उसे कैसे ग्रहण करता है ? आज्ञा की विराधना
[१४]
For Private And Personal Use Only