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महाराजा तखतसिंहजी के विवाह आदि में दी जानेवाली चारणों आदि की लागें भी नियत की गई थीं । आपने अजमेर के मेयो कॉलेज की स्थापना के समय उसके लिये एक लाख रुपये प्रदान किए थे ।
महाराज ने जोधपुर की गद्दी पर बैठने के बाद बाघा नामक भाट को भी 'लाख पसाव' दिया था ।
महाराजा तखतसिंहजी के १० पुत्र थे:
१ जसवन्तसिंहजी, २ जोरावरसिंहजी, ३ प्रतापसिंहजी, ४ रणजीतसिंहजी, ५. किशोरसिंहजी, ६ बहादुरसिंहजी, ७ भोपालसिंहजी, ८ माधोसिंहजी, मोहब्बतसिंहजी और १० जालिमसिंहजी ।
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इनके अलावा महाराज के १० रावराजा भी थे
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१. इनका जन्म वि० सं० १६०० की माघ सुदि ६ ( ई० स० १८४४ की २५ जनवरी ) हुआ था ।
२. इनका जन्म वि० सं० १६०२ की कार्तिक वदि ६ ( ई० स० १८४५ की २१ अक्टोबर) हुआ था ।
३. इनका जन्म वि० सं० १६०३ की चैत्र वदि ३ ( ई० स० १८४७ की ५ मार्च ) हुआ था।
४. इनका जन्म वि० सं० १६०४ की भादों वदि ६ ( ई० स० १८४७ की ३ सितम्बर ) को हुआ था ।
५. इनका जन्म १६१० की पौष सुदि १२ ( ई० स० १८५४ की ११ जनवरी) को हुआ था ।
६. इनका जन्म वि० सं० १६११ की चैत्र सुदि ४ ( ई० स० १८५४ की १ अप्रेल ) को हुआ था ।
७. इनका जन्म १६१३ की आषाढ वदि ६ ( ई० स० १८५६ की ८. इनका जन्म वि० सं० १६१४ की भादों वदि २ ( ई० स० को हुआ था ।
६. इनका जन्म वि० सं० १६२२ की आषाढ वदि ६ ( ई० स० १८६५ की १५ जून )
को हुआ था ।
२४ जून) को हुआ था ।
१८५७ की ७ अगस्त )
१०. १ मोतीसिंह, २ जवाहरसिंह, ३ सुलतानसिंह, ४ सरदारसिंह, ५ जवानसिंह, ६ सांवतसिंह, ७ तेजसिंह ( प्रथम ), ८ कल्याणसिंह, ६ मूलसिंह और १० भारतसिंह |
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