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मारवाड़ का इतिहास
अन्य नगरों की टकसालों में बने सिकों पर जोधपुर के स्थान पर उन-उन नगरों के नाम लिखे रहते हैं और किसी-किसी सिक्के पर नगर के नाम के बाद मारवाड़ भी लिखा होता है । सोजत के कुछ सिक्कों पर पहले लिखे अनुसार हिन्दी अक्षरों में 'श्रीमहादेवजी' लिखा मिलता है ।
तांबे के सिक्कों पर के कुछ लेख । एक तरफ़ -सने जलूस मैमनत मानूस जरब दूसरी तरफ़-दारुल मनसूर जोधपुर १११२
एक तरफ़ -मुहम्मद अकबरशाह बादशाह ग्राज़ी दूसरी तरफ़-जरब दारुल मनसूर जोधपुर
मैमनत मानूस सने जलूस २२
एक तरफ -ब जमान मुबारिक कीन विक्टोरिया मलका १९४१ (विक्रमी) दूसरी तरफ़-मोअज्जमा इंग्लिस्तान व हिन्दुस्तान ज़रब जोधपुर
एक तरफ़ -ब जमान मुबारिक एडवर्ड हप्तम शाह इंग्लिस्तान एम्परर
हिन्दुस्तान दूसरी तरफ़-महाराजाधिराज श्रीसरदारसिंघ बहादुर जरब जोधपुर पाव आना
एक तरफ़ -ब जमान मुबारिक जॉर्ज पंचम शाह इंग्लिस्तान एम्परर
हिन्दुस्तान दूसरी तरफ़-महाराजाधिराज श्रीसुमेरसिंघ बहादुर जरब जोधपुर पाव आना
एक तरफ़ -ब जमान मुबारिक जार्ज षष्टम शाह इंग्लिस्तान एम्परर हिंदुस्तान दूसरी तरफ़-(सन् ) १९३६ महाराजाधिराज श्रीउम्मेदसिंघ बहादुर जरब
जोधपुर पाव आना १. इसी प्रकार बादशाह एडवर्ड अष्टम के समय के सिक्कों में हफ्तम के स्थान पर ( अष्टम ) लिखा गया था। उपर्युक्त लेखों के अलावा इन सिक्कों पर संवत् ( या सन् ) भी लिखे रहते हैं।
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