Book Title: Marwad Ka Itihas Part 02
Author(s): Vishweshwarnath Reu
Publisher: Archeaological Department Jodhpur

View full book text
Previous | Next

Page 396
________________ पृष्ठ ૪:૪ ४५७ ૪૨૭ ४५५२८-२६ ४५६ ××દ્ ४५८ ૪૬ ४६० ૪૦ ४६ १ ४६१ ४६४ ४६५ ४६६ ४६७ ૪૨૬ ४७२ ४७३ पंक्ति ४७७ ४८१ १३ ४८१ ११ ८ २० बना २७ रेख का पौन हिस्सा J १४ इसी वर्ष २ ४ १७ ११ ४७४ rok ४७६ ४७६ १६-१७ अशुद्ध प्रथम जेठ सुदि ५ ( १६ मई ) फुट नोट ५ चुंगी श्राधी सुदि १५ ( ई० स० १८६८ की २६ दिसंबर ) वि० सं० १६०४ ( ई० स० १८४७ की ३ सितंबर ) २४ भादों वदि २ ( ई० स० १८५७ की वि० सं० १९२७ १३ ११ ( अगस्त ) ( सितंबर ) २७ २६ १६ हिन्दुस्थान में १ वि० सं० १८३३ ७ अगस्त) पहले वि० सं० १६३७ २७ १६ दि १४ गहाराज १ २६ और १६ = ( २४ जून ) वि० सं० १९४१ के भादों ( ई० स० १८८४ के अगस्त ) इसके बाद २७ जुलाई ) वि० सं० १६७६ श्रावण सुदि १ ( २१ जुलाई ) शुद्ध द्वितीय जेठ सुदि ५ ( १७ जून ) १ तुंगी कुछ समय के लिये आधी वदि ४ ( ई० स० १८६८ की ३ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat दिसंबर ) बना रेख के हिसाब से आमदनी का पौन हिस्सा वि० सं० १९२६ ईसी वर्ष ( वि० सं० १8२७ में ) ( जुलाई ) ( अगस्त ) वि० सं० २६०५ ( ३० स० १८४८ की २३ अगस्त ) फागुन वदि २ ( ई० स० १८५८ की ३१ जनवरी ) पहले ( वि० सं० १६२५ = ई० स० १८६८ में ) वि० सं० १९३६ कलकत्ते वि० सं० १९३३ महाराज सुदि ५ (२० जून ) वि० सं० १९४२ के सावन हस्ताक्षेप हस्तक्षेप श्रावन वदि ८ ( ई० स० १८८३ की आषाढ वदि १३ ( ई० स० १८८३ की २ जुलाई ) वि० सं० १९७८ वि० सं० १६४४ की प्राषाढ वदि ३० ( २१ जून ) ( ई० स० १८८५ के अगस्त ) इसी बीच से इस यात्रा राज्य के १,१०,००० रुपये इस अवसर पर राज्य की तरफ से खर्च हुए। १,१०,००० रुपये इम्पीरियल इन्स्टि टयूट को दिए गए । www.umaragyanbhandar.com

Loading...

Page Navigation
1 ... 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406