Book Title: Marwad Ka Itihas Part 02
Author(s): Vishweshwarnath Reu
Publisher: Archeaological Department Jodhpur

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Page 405
________________ ( 4 ) This valuable and well illustrated account of the ruling family of Jodhpur is a most welcome addition to our collection of Hindi books, and I shall look forward with interest to the completion of the work. (18-10-39.) इस ग्रन्थ ( मारवाड़ के इतिहास ) के लिखने में रेउजी ने यथा साध्य सब प्रकाशित ग्रन्थों एवं जोधपुर राज्य की अप्रकाशित ख्यातों तथा शिलालेखों आदि का भूरि २ उपयोग किया है और इस ग्रन्थ को प्रमाणिक बनाने का भी यथा सम्भव प्रयत्न किया है। लेखक ने टिप्पणियों में ख्यातों में पाई जानेवाली महत्वपूर्ण दन्तकथाओं का उल्लेख कर भावी इतिहासकारों के लिए भी पर्याप्त सामग्री उपस्थित करदी LIBRARIAN, INDIA OFFICE, किसी राज्य का ठीक ठीक इतिहास लिखना एवं वह भी उसी राज्य के प्रश्रय में रहकर पूर्णतया निष्पक्षता से लिखना और उस घराने की त्रुटियों या कमजोरियों का स्पष्ट चित्रण करना एक कठिन काम है; तथापि रेउजी ने इस ओर प्रयत्न किया है जिससे वे बधाई के पात्र हैं । London. रेजी ने राठोड़ नरेशों के प्रताप, कला-कौशल- प्रेम, विद्या-प्रेम, और दानशीलता आदि पर भी प्रकाश डालने का प्रयत्न किया है। जिससे तत्सम्बन्धी अधिक बातें जानने की चाह होती है 1 14 अन्तमें मैं इस इतिहास की रचना के लिए मारवाड़ गवर्नमैएट को भी बधाई देता हूँ । ता० २४-१०-३६. Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat डा० रघुबीरसिंह, महाराज कुमार, सीतामउ राज्य. www.umaragyanbhandar.com

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