Book Title: Marwad Ka Itihas Part 02
Author(s): Vishweshwarnath Reu
Publisher: Archeaological Department Jodhpur

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Page 305
________________ मारवाड़ का इतिहास किशनगढ के राठोड़-नरेशों का संक्षिप्त वंशवृक्ष (२२ राजा उदयसिंहजी जोधपुर-नरेश) १ राजा किशनसिंहजी (वि० सं० १६६६-१६७२ ई० स० १६०६-१६१५) २ राजा सहसमल्लजी ३ राजा जगमालजी भारमल्ल . ४ राजा हरिसिंहजी (वि० सं० १६७२-१६७५= (वि० सं० १६७५-१६८५= ! (वि० सं० १६८५-१७००% ई० स० १६१५-१६१८) ई० स० १६१८-१६२६) । ई० स० १६२६-१६४३) . ५ राजा रूपसिंहजी (वि० सं० १७००-१७१५ ई० स० १६४३-१६५८) राजा मानसिंहजी (वि० सं० १७१५-१७६३ ई० स० १६५८-१७०६) ७ राजा राजसिंहजी (वि० सं० १७६३-१८०५ ई० स० १७०६-१७४८) (८) सामन्तसिंहजी ८ राजा बहादुरसिंहजी (वि० सं० १८०५-१८२१= (वि० सं० १८०६-१८३८% ई० स० १७४८-१७६४) ई० स० १७४६-१७८२) (8) सरदारसिंहजी (रूपनगर) ६ राजा बिडदसिंहजी (वि० सं० १८१२-१८२३% (वि० सं० १८३८-१८४५= ई० स० १७५५-१७६६) ई० स० १७८२-१७८८) १० राजा प्रतापसिंहजी (वि० सं० १८४५-१८५४० स० १७८८-१७६८) ११ राजा कल्याणसिंहजी (वि० सं० १८५४-१८६५ ई० स० १७१८-१८३८) १२ राजा मोहकमसिंहजी (वि० सं० १८६५-१८६७ ई० स० १८३८-१८४०) १३ राजा पृथ्वीसिंहजी (फतेगढ़ की शाखा से गोद श्राए) (वि० सं० १८९७-१९३६ ई० स० १८४०-१८८०) १४ राजा शार्दूल सिंहजी (वि० सं० १९३६-१६५७० स० १८८०-१९००) १५ महाराजा मदनसिहजी (वि० सं० १९५७-१९८३ ई० स० १६००-१९२६) १६ महाराजा यक्षनारायणसिंहजी (वि० सं० १९८३-१६६५ ई० स० १९२६-१९३६) ... १७ महाराजा सुमेरसिंहजी (वि० सं० १९५० स० १९३६ में गही बैठे) ६८६ Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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