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विभिन्न युद्धों में लड़कर मारे गए कुछ वीरों के नाम
उदैसिंह-चांपावत ( धांधियां ) लखधीर-चांपावत (वरणेल ), भोमसिंहचांपावत ( वरणेल ), कीरतसिंह-चांपावत (हबतसर ), नवलसिंह-चांपावत ( धामली), जोरावरसिंह-चांपावत, ( समाडिया ), शुभकरण-चांपावत (गंठिया), जोरावरसिंह-चांपावत ( जैतपुर ), शुभकरण-भाटी (रामपुरा ), बखतमिह-भाटी। कंटालिया ), कीरतसिंह-भाटी ( खारिया ), पेमसिंह-भाटी ( मेडावास ) महेशदास-भाटी (कीटणोद), जैतसिंह-भाटी (पांतों काबाड़ा) दौलतसिंह-भाटी, लालसिंह-चौहान, सरदारसिंह-महेचा (थोब), दौलतसिंह
शेखावत ( लाडखाँनी ) ( ललासरी ) । वि० सं० १८१६ (ई० स० १७६० ) में, चांपावत सबलसिंह आदि बागी सरदारों के साथ के, बीलाड़े के युद्ध में मारे गए महाराजा के कुछ वीरों के नामः--
पृथ्वीसिंह-कूपावत ( चंडावल ), जेठमल-सिंघी । वि० सं० १८२० ( ई० स० १७६३ ) में, महाराजा विजयसिंहजी की फौज की, जालोर पर की चढ़ाई में मारे गए कुछ वीरों के नामः
___ उदैराज-जोधा (पाटोदी ) ।
वि० सं० १८२२ ( ई० स० १७६५ ) के खानूजी मरहटे के साथ के युद्ध में मारे गए महाराजा के कुछ वीरों के नामः--
___ नाथूसिंह-मेड़तिया ( चांदावत ), जैतसिंह-भाटी ( बालरवा )।
वि० सं० १८२४ (ई० स० १७६७ ) में, जयपुर वालों के भरतपुर-नरेश जवाहरसिंहजी पर के आक्रमण में, भरतपुर-नरेश की तरफ से लड़कर मारे गए महाराजा विजयसिंहजी के कुछ वीरों के नामः--
सूरतसिंह-मेड़तिया ( पदमसिंहोत ) । वि० सं० १८३७ ( ई० स० १७०० ) में, चौबारी नामक स्थान पर, टालपुरा बीजड़ के मारने के समय मारे गए महाराजा के कुछ वीरों के नामः-- हरनाथसिंह-मांडणोत, मोहकमसिंह-पातावत, जोगीदास-बारठ ।
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