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मारवाड़ राज्य के कुछ मुख्य-मुख्य महकमों का हाल जंगलात का महकमा ।
इस महकमे ने भी अच्छी उन्नति की है और इसके उद्योग से जोधपुर के चारों तरफ़ की पुरानी और नई सड़कों के दोनों किनारों पर वृक्ष लगाने का प्रयत्न किया जारहा है ।
गत वर्ष इस महकमे की आय १,१२,८६३ रुपये तक पहुँची थी ।
राजकीय छापाखाना ।
'जोधपुर गवर्नमैन्ट-प्रेस ' भी बराबर उन्नति कर रहा है और जोधपुर - राज्य और जोधपुर - रेल्वे की छपाई आदि का सारा काम यहीं होने से इसकी य १,००,००० रुपये के ऊपर पहुँच गई है ।
जवाहर खाना और टकसाल ।
सरकारी जवाहरात पहले किले पर के फ़तैमहल में रक्खे हुए थे । परन्तु वहां पर जगह कम होने से आजकल इन्हें वहीं पास ही के दौलतखाने के महल में सजाकर रखा गया है और इनकी एक नवीन सूची भी तैयार की गई है ।
जोधपुर की टकसाल में सोने के अलावा अन्य धातु के सिक्के बनाने का काम बहुत दिनों से बंद था । परन्तु वि० सं० १९९२ ( ई० स० १९३५ ) से यहां पर फिर से तांबे के सिक्के भी बनने लगे हैं ।
वि० सं० १९९३ ( ई० स० १९३६ ) में तोल और नाप के प्रचार के लिये कानून बनाया जोधपुर नगर में प्रचलित कर दिया है ।
मारवाड़ में एक ही प्रकार के गया था और गत वर्ष से इसे
हमें आशा है कि इसके बाद शीघ्र ही यह मारवाड़ के अन्य स्थानों में भी प्रचलित हो जायगा, और इससे ग्रामीण लोगों को क्रय विक्रय के मामले में सुविधा हो जायगी ।
(१) वि० सं० १६३६ ( ई० स० १६१४ ) में भी इसके प्रचार की कोशिश की गई थी, परन्तु उस समय जनता के विरोध के कारण इसे स्थगित कर देना ही उचित समझा गया ।
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