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महाराजा उमेदसिंहजी
याश्विन सुदि ११ ( २१ सितंबर) को मुंशी हिम्मतसिंह अपनी यू० पी० गवर्नमैंट की नौकरी पर वापस चला गया और उसके स्थान पर बंबई गवर्नमैंट से मांगकर बुलवाया हुआ, मिस्टर इर्विन ( J. B. Irwin, D. S. O, M. C., I. C. S. ) रिवेन्यू मिनिस्टर नियुक्त किया गया ।
वि० सं० १९९१ की प्रथम वैशाख वदि १४ ( ई० स० १९३४ की १२ अप्रेल ) को मिस्टर यंग (J. W. Young ) बीमारी के कारण छुट्टी लेकर इंग्लैंड गया और वहां पर द्वितीय वैशाख सुदि १० (२४ मई) को उसका स्वर्गवास होगया । इस पर रावहादुर ठाकुर चैनसिंह, जो अब तक 'जुडीशल मिनिस्टर' था, स्थायी रूप से 'चीफ़ - मिनिस्टर' बनाया गया । यद्यपि ज्येष्ठ सुदि ८ (२० जून ) से वह फिर 'जुडीशल मिनिस्टर' कहाने लगा, तथापि अर्थ और राजनीतिक विभाग ( Finance and Political Departments) उसी के अधिकार में रक्खे गए । इसी समय मिस्टर ऐडगर ( S. G. Edgar, I. S. E. ) अस्थायी रूप से तामीरात - विभाग का मिनिस्टर (Public Works Minister ) बनाया गया ।
माघ सुदि १० ( २५ जनवरी) को हवाई - फ़ौजी बेड़ों का असर सर जौन स्टील (Sir John Steel, Air Marshal) जोधपुर आया और दूसरे दिन लौट गया ।
वि० सं० १६६१ की प्रथम वैशाख वदि ३ ( २ अप्रेल) को मेजर बान (LE. Barton, 1. A.) जयपुर और जोधपुर का रेज़ीडेंट नियुक्त हुप्रा ।
१ आश्विन सुदि १२ ( ३० सितंबर) को डाक्टर निरंजननाथ गुर्टू के हैल्थ ऑफीसरी से अमर ग्रहण करने पर महाराजा साहब ने उसकी सेवाओं से प्रसन्न होकर उसे अपना 'ऑनररी फिज़ीशियन' ( अवैतनिक डाक्टर ) नियुक्त किया और बाद में उसके लिये १५० ) रुपये माहवार की पैन्शन नियत कर दी ।
२. वि० सं० १६६१ की द्वितीय वैशाख सुदि २ ( ई० स० १६३४ की १५ मई) को लॉड और लेडी विलिंग्डन हवाई जहाज़ से इंग्लैंड जाते हुए और श्रावण सुदि ६ ( १६ अगस्त) को वहां से लौटते हुए जोधपुर में ठहरे ।
श्रावण सुदि ३ ( १३ अगस्त) को पश्चिमी राजपूताने की रियासतों की रैजीडैसी फिर स्थापित की गई और कर्नल विटिक (H. M. Wightwick, I. A.) यहां का रेज़ीडेंट नियुक्त हुआ । ज्येष्ठ वदि ७ ( ४ जून ) को बादशाह की बरसगांठ के अवसर पर उंमैदनगर- टाकुर जैसिंह को रामबहादुर का ख़िताब मिला ।
इसी समय मीठेड़ी और खोखर के आस-पास नकली रुपयों के प्रचार के बढ़ने से लोगों में
( १ ) यह गांव सांभर परगने में है ।
( २ ) यह गांव परबतसर परगने में है ।
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