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मारवाड़-नरेशों के दान दिए कुछ अन्य गांवों का विवरण
२६. महाराजा बखतसिंहजी. महाराजा बखतसिंहजी के दिए गांवों का वर्णन इस इतिहास के पृष्ठ ३६६ के फुटनोट १ में दिया जा चुका है । परन्तु उनके अलावा निम्नलिखित गांवों का भी उनके द्वारा दान किया जाना प्रकट होता है:--
१. डेरवे की ढाणी (नागोर परगने का), २. जोरावरपुरा (उर्फ-पेमावास)
(डीडवाना परगने का ), ३. साथूणी-चारणां ( पचपदरा परगने का ) चारणों को; ४. बांसड़ा (नागोर परगने का) ब्राह्मणों को और ५. रामसर की भूमि ( नागोर परगने की ) भगतों को। उपर्युक्त फुट नोट में लिखे (४) धुनाडी गांव का शुद्ध नाम दूनियाडी मिलता है।
३१. महाराजा भीमसिंहजी. महाराजा भीमसिंहजी द्वारा दान में दिए एक गांव का उल्लेख इस इतिहास के पृष्ठ ४०० के फुटनोट नं० १ में किया गया है । परन्तु उनका यथासाध्य पूरा विवरण यहां दिया जाता है:
१. सीरोडी, २. गोलिया ( जोधपुर परगने के ) ब्राह्मणों को; ३ मोटूस
( मेड़ता परगने का ) रामेश्वर महादेव के मंदिर को ४. गिलावासणी (डीडवाना परगने का ) ( जोधपुर के , लोटनजी के मंदिर को; ५. समदोलाव-कलां ( मेड़ता परगने का ) स्वामियों को; ६. जोधडावास, ७ पीथासिया (नागोर परगने के), ८ जोधडावास ( मेड़ता परगने का ), २. बाणियावास ( पचपदर। परगने का ) चारणों को और १०. पांडूखां, ११. धौलेराव-खुर्द (मेड़ता परगने के) भाटों को।
३४. महाराजा सरदारसिंहजी. महाराजा सरदारसिंहजी ने निम्नलिखित गांव दान किए थे:-- १. मथाणिये का हिस्सा, २. कोटड़ा, ३. किरमसीसर-खुर्द, ४. किरमसीसर
कलां ( जोधपुर परगने के ) चारण महामहोपाध्याय कविराजा मुरारिदान को।
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