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महाराजा सरदारसिंहजी १९०७) में गले में गांठे निकल आने से कईवार शल्य-चिकित्सा भी करवाई थी।
आपको घुड़दौड़, सूअर के शिकार, पोलो और क्रिकेट का बड़ा शौक था, महाराजा साहब के इस शौक के कारण ही उस समय जोधपुर पोलो का घर कहाता था। एकवार आपने पूना में 'पोलो चैलेंज कप' भी जीता था। इसी प्रकार जोधपुर की 'किकैट की टीम ने भी कई खेलों में विजय प्राप्त की थी ।
यहां के रिसाले ने चीन के युद्ध में गवर्नमेंट की अच्छी सहायता की थी। इसी से भारत-गवर्नमैंट ने उसे अपने झंडे पर "चाइना १९००" लिखने का सम्मान प्रदान कर चीन से छीनी हुई ४ तोपें भेट दी थीं' ।
१. इसके लिये आप को इन्दौर भी जाना पड़ा था।
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