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मारवाड़ का इतिहास
वि० सं० १९७६ ( ई० स० १९१६) की गरमियों में महाराजा साहब ने अपने छोटे भ्राता महाराज अजित सहजी के साथ श्रीनगर (काश्मीर ) की यात्रा की। आषाढ वदि १२ ( २५ जून ) को आपकी दूसरी बहन ( स्वर्गवासी महाराजा सरदारसिंहजी की दूसरी राजकुमारी) श्री सूरजकुँवरी बाईजी साहबा का शुभ विवाह रीवां-नरेश महाराजा गुलाबसिंह जी के साथ हुआ। इस शुभ अवसर पर अनेक राजा, महाराजा और नवाव जोधपुर में इबढे हुए।
वि सं १६७६ की 8 सुद ५ ( ई० स. १६१६ की ३ जून ) को बादशाह जॉर्ज-पंचम के जन्म दिन के उत्सव पर निम्नलिखित राज-कर्मचारियों को उपाधियां मिलीं:
ठाकुर धौं कलसिंह ( गोराऊ)- प्रो० बी. ई० ।
मदनलाल, सीनियर सब ऐसिस्टैन्ट सर्जन-राय साहब । (१) इनमें जोधपुर की तरफ से किशनगढ़ और जामनगर के महाराजा तथा जावरे के नवाब
थे और रोवां की तरफ से अलवर, रतलाम, डुमरानों, तरवर और शिवगढ़ के नरेश
आदि और शहपुरा और लूनवाडा के राजकुमार थे । वि. १६७६ के आश्विन ( ई. स. १६१६ के अक्टोबर ) में (दशहरे पर ) महाराजा साहब जोधपुर पाए और फिर शीघ्र ही आबू होते हुए अजमेर लौट गए ।
- वि० सं० १६७६ की पौष सुदि ८ ( ई० स. १६१६ की ३• दिसम्बर ) को टाकुर प्रतापसिंह (संखवाय) (कमांडिग ऑफ़ोलर, फर्ट जोधपुर इम्पीरियल लांसर्स ), को सी. बी. ई. का खिताब मिला और पौष सुदि १० ( ई० स० १९२० की १ जनवरी) को आगे लिखे सज्जनों को अधियां मिलीं:
कुँवर चैनसिंह (पौकग्न ) ( सुपरिंटेंडेंट-कोर्ट सरदारान )-रानो साहब । सांगीदास थानवी । बैंकर-फलोदी )-राय साहब । ठाकुर अनोपसिंह ( रोडला ) आइ. ओ. ऐम. (स्वाइन कमाण्डर-फर्स्ट जोधपुर
लांसर्स )-एम. सी. । रापोराजा सगतसिंह ( सरदार रिसाला )-एम. सी. । वि सं. १९७७ की जठ बदि १० (ई० स० १६२, की १३ मई ) को सरदार साहब शमशेरसिंह के स्थान पर बंबई पुलिस का एम. पार. कोठावाला ( M. B. E.) यहां की पुलिस का इन्सपैक्टर जनरल नियुक्त किया गया।
आषाढ बदि ४ (५ जून ) को बादशाह की वर्ष गांठ के उत्सव पर निम्नलिखित राज-कर्मचारियों को उपाधिया मिलीं:
सी. बी. लाटूच (C. B. La Touche) (मैनेजर, जोधपुर-बीकानेर-रेलवे) सी. आइ. ई. पण्डित धर्मनारायण काक-रानो साहब ।
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