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मारवाड़ का इतिहास
वि० सं० १९८८ की सावन सुदि १४ ( २६ अगस्त) को महाराजा साहब ने जोधपुर नगर में पानी का समुचित प्रबन्ध करने के लिये गोलासनी के पास नया ( उमेदसागर ) बंद तैयार करने को, अपने निजी खर्च ( Privy Purse ) से, दो लाख रुपये देने की आज्ञा दी । सावन सुदि १५ ( २७ अगस्त) को आपने, अपनी काउंसिल के अर्थमंत्री (Finance Minister), मिस्टर यंग को अपना प्रतिनिधि बना कर 'गोल मेज' (Round Table) कॉन्फ्रेंस में सम्मिलित होने के लिये इंगलैंड भेजा ।
कार्तिक सुदि ७ ( ई० स० १९३१ की १६ नवंबर) को 'एअर मार्शल' सर जौन स्टील (John Steel) ने जोधपुर आकरे यहां के हवाई जहाज के 'क्लब' (Jodhpur Flying Club) का उद्घाटन किया ।
फागुन वदि १ ( ई० स० १९३२ की १ मार्च ) से भारत गवर्नमैंट ने, खर्चे की बचत के खयाल से, पश्चिमी राजपूताने की रियासतों की रैजीडैन्सी को उठा कर अस्थायी रूप से जयपुर की रैज़ीडेंसी में मिला दिया ।
फागुन सुदि १२ (१६ मार्च) को, 'फैडरेशन' से संबंध रखनेवाले आर्थिक (Financial ) प्रश्नों पर विचार करने के लिये, भारत - सरकार द्वारा नियुक्त ( Indian States Enquiry ) कमेटी का यहां पर आगमन हुआ और उसने महाराजा साहब और उनके मंत्रियों से विचार-विनिमय ( Discussion ) किया ।
चैत्र वदि ७ (२८ मार्च) को महाराजा साहब नरेन्द्र मण्डल की सभा में सम्मिलित होने को दिल्ली गए ।
आश्विन सुदि ११ (२२ अक्टोबर ) को महाराजा साहब की बढ़ी बहन श्रीमती मरुधर कुँवर बाई साहबा के गर्भ से जयपुर महाराज - कुमार का जन्म हुआ । इस पर जोधपुर में भी हर्ष मनाया गया और किले से ५१ तोपें चलाई गई ।
१. मँगसिर वदि ३० ( 8 दिसंबर) को यह, द्वितीय गोलमेज़ (Second Round Table) कॉन्फ्रेंस में सम्मिलित होकर, वापस आया ।
माघ सुदि ११ ( ई० स० १६३२ की १८ फ़रवरी) को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड विलिंग्डन
का पुत्र लॉर्ड रैंटंडन (Lord Ratendone ) जोधपुर आया और ८ दिनों तक यहां रहा ।
फागुन वदि ४ ( २५ फ़रवरी) को जोधपुर में लेडी विलिंग्डन का आगमन हुआ । २. तीसरे दिन यह लौट गया ।
३. इस पर जयपुर, जोधपुर और राजपूताने की अन्य पश्चिमीय रियासतों का कार्य मिस्टर
मैकैज़ी (D. G. Mackenzie, I. C. S.) करने लगा ।
४. वहां से आप चैत्र वदि १२ ( २ अप्रेल ) को लौटे ।
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