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४. १८. १२ ]
हिन्दी अनुवाद
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धत्ता - रतिका घर गोल-गोल चन्द्रमा ऐसा लगता है, मानो दिशारूपी नारीने श्रेष्ठ तारारूपी चावल छिटककर अपनी निशारूपी सहेलीके सिरपर दहीका टीका लगाया हो ॥१६॥
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दिशा में प्रवेश करते हुए, चन्द्रमाको कान्तिसे लोक ऐसा शोभित होता है, जैसे दूध से धुला हुआ हो। तब रात्रिमें विलाससे युक्त, कामदेवकी ऋद्धिको देनेवाला नाट्य प्रारम्भ हुआ । वाद्य जिस ओर रखे गये थे, वह पूर्वं दिशाका मण्डप था । उसके दायें उत्तरमें बैठे हुए तुम्बरु गायक देवोंके द्वारा देखे गये । उनके सामने कोमल शरीरवाली सरस्वती आदि बैठी हुई थीं । उनके दायें सुषिर आदि वाद्य वादक बैठे हुए थे, उनके बायीं ओर वीणावादकों का समूह था । यह इस प्रकार धरतीपर स्थानक्रम बताया गया, इसीको अन्यत्र प्रत्याहार कहा जाता है । वाद्योंकी मार्जन, सन्धारण और संमार्जन आदि कर्मारवी क्रिया कर सहसा कानोंको सुख देनेवाले हिन्दोलरागसे गान शुरू किया गया। फिर आनन्दित होती हुई उर्वशी, रम्भा, अहिल्या और मेनका आदि नर्तकियों ने स्थिरवर्णं छटक और धारासे ( त्रयताल ) युक्त प्रवेश किया।
घत्ता - जिन्होंने नवकुसुमोंकी अंजली छोड़ी है ऐसी, रंगशालामें प्रवेश करती हुईं देवियोंने कामबाणोंको छोड़ती हुईं कामदेवकी धनुषलताओंके साथ लोगों को मोहित कर लिया ||१७||
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अभिनय में निपुण, भुजाओंमें अप्सराओंको धारण कर इन्द्र नृत्य करता है, धरती हिल जाती है। नटने नाना प्रकारके चारी और बत्तीस अंगहारोंकी रचना की। एक दूसरेकी देह ( शरीरावयव ) की स्थापनासे विभक्त, एक सौ आठ करणों ( शरीरकी विभिन्न भंगिमाओं ) का प्रदर्शन किया । भौंहोंके संचालनसे मनको रंजित करनेवाला चौदह प्रकारका संचालन किया, तथा मनोंको रंजित करनेवाले भौंहोंके ताण्डव भी किये। नेत्रोंको सुहावनी लगनेवाली नौ ग्रीवाएँ; तथा छत्तीस दृष्टियाँ भी प्रदर्शित की गयीं । अन्तिम रस ( शान्त रस ) से रहित, हाव उत्पन्न करनेवाले सचेतन स्वरूपवाले आठों रसोंका ( प्रदर्शन ) किया गया। एक कम पचास अर्थात् उनचास (संचारी) भाव, तथा दूसरे और अपूर्वं भाव ( स्थायी भाव ) और अनुभावों का भी प्रदर्शन किया । नृत्य करती हुईं उन्होंने अनिवारित स्फुरण, बलन आदिकी अवतारणा की । फिर वन्दित पदरजको प्राप्त होती हुईं छडनक ( ताल विशेष ) के साथ चली गयीं । मुग्ध प्रेमान्धों को क्रुद्ध करता हुआ, स्नेहहीन जोड़ोंको सन्तुष्ट करता हुआ, ताराओं और चन्द्रमाको कान्तिका अपहरण करता हुआ वियुक्त चक्रवाक समूहका मेल कराता हुआ,
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