Book Title: Mahapurana Part 1
Author(s): Pushpadant, P L Vaidya
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 464
________________ ३७८ महापुराण १६.२५.१३ जाम एहु वेसाणरु अच्छइ तावण्णहि को वयणु णियच्छइ। जणणि महेली मणि अवहारमि गुरुपय छिवमि ण पइं अवहेरमि । घत्ता-इय कवकूडमउजंपियहिं दाणेण व वसिहूयउ॥ णारीयणु रमिउ विडाहिवहिं वेढिवि णिरुवमरुवउ ॥२५।। १५ २६ आरणालं-दीहा वि रयमिहुणहं चक्कवियणहं पहियवंदयाणं । __ मडहा हवइ रयणिया चंदवयणिया रेयविडिंदयाणं ॥१॥ ता उम्गमिउ सूरु पुवासइ रइरंगु व दरिसिउ कामासइ । किंसुयकुसुमपुंजु णं सोहिउ णं जगभवणि पईवु पबोहिउ । चारु सूरु वंसहु णं कंदउ लोहिउ ससि रोसेण दिणिर्दैउ । मज्झु परोक्खइ आवइ पाविय कमलिणि वेल्लि भणिवि संताविय । एम भणंतु व गयणि व लग्गउ णं रयणियरहु पच्छइ लग्गउ । तंबु करोहउ रुहिरु णिसा. चिंतिउ एंतु सछिहकवाडें । कुंकुमलोलु व मण्णिउं घरिणिइ रत्तु दुवंकुरु कंदरहरिणिइ । मिलियर सोहइ विद्दुममहियलि मिलियउ सोहइ ककेल्लीदलि। मिलियउ सोहइ रत्तइ सयदलि मिलियर सोहइ रमणीकरयलि । मिलियउ सोहइ जण अहरुल्लइ महिहरतीर धाउ जलरेल्लइ । राउ मुयंतु जि गुणसंजुत्तर अरहंतु व रवि उण्णइं पत्तउ । घत्ता-हयतिमिरे भरहपयासएण रविणा किंण वि दीविउ ॥ सिरिरामासेवियसच्छसरपुप्फयंतु वियेसाविउ ॥२६॥ इय महापुराणे तिसटिमहापुरिसगुणालंकारे महाकइपुप्फयंतविरइए महामवमरहाणुमण्णिए महाकञ्चे बाहुबलियसंपेसणं णाम सोलहमो परिच्छेओ सम्मत्तो ॥१६॥ ॥ संधि ॥१६॥ ६. MBP वि। २६. १. MBP रई । २. MBP पईवउ बोहिउ । ३. MBP सूर । ४. MBP दिणंदउं । ५. MB तंब । ६. M रुहिर । ७. MBP ककेल्लिहि दलि। ८. MBP दावियउ । ९. MB वियसावियउ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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