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महापुराण
१६.२५.१३ जाम एहु वेसाणरु अच्छइ तावण्णहि को वयणु णियच्छइ। जणणि महेली मणि अवहारमि गुरुपय छिवमि ण पइं अवहेरमि । घत्ता-इय कवकूडमउजंपियहिं दाणेण व वसिहूयउ॥
णारीयणु रमिउ विडाहिवहिं वेढिवि णिरुवमरुवउ ॥२५।।
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२६ आरणालं-दीहा वि रयमिहुणहं चक्कवियणहं पहियवंदयाणं ।
__ मडहा हवइ रयणिया चंदवयणिया रेयविडिंदयाणं ॥१॥ ता उम्गमिउ सूरु पुवासइ रइरंगु व दरिसिउ कामासइ । किंसुयकुसुमपुंजु णं सोहिउ णं जगभवणि पईवु पबोहिउ । चारु सूरु वंसहु णं कंदउ लोहिउ ससि रोसेण दिणिर्दैउ । मज्झु परोक्खइ आवइ पाविय कमलिणि वेल्लि भणिवि संताविय । एम भणंतु व गयणि व लग्गउ णं रयणियरहु पच्छइ लग्गउ । तंबु करोहउ रुहिरु णिसा. चिंतिउ एंतु सछिहकवाडें । कुंकुमलोलु व मण्णिउं घरिणिइ रत्तु दुवंकुरु कंदरहरिणिइ । मिलियर सोहइ विद्दुममहियलि मिलियउ सोहइ ककेल्लीदलि। मिलियउ सोहइ रत्तइ सयदलि मिलियर सोहइ रमणीकरयलि । मिलियउ सोहइ जण अहरुल्लइ महिहरतीर धाउ जलरेल्लइ । राउ मुयंतु जि गुणसंजुत्तर अरहंतु व रवि उण्णइं पत्तउ । घत्ता-हयतिमिरे भरहपयासएण रविणा किंण वि दीविउ ॥
सिरिरामासेवियसच्छसरपुप्फयंतु वियेसाविउ ॥२६॥
इय महापुराणे तिसटिमहापुरिसगुणालंकारे महाकइपुप्फयंतविरइए महामवमरहाणुमण्णिए महाकञ्चे बाहुबलियसंपेसणं णाम सोलहमो परिच्छेओ सम्मत्तो ॥१६॥
॥ संधि ॥१६॥
६. MBP वि। २६. १. MBP रई । २. MBP पईवउ बोहिउ । ३. MBP सूर । ४. MBP दिणंदउं । ५. MB तंब ।
६. M रुहिर । ७. MBP ककेल्लिहि दलि। ८. MBP दावियउ । ९. MB वियसावियउ ।
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