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हिन्दी अनुवाद
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विजयश्री की लीला धारण करनेवाला, क्षण-क्षणमें प्रदीप्त होनेवाला, और पैनी धारवाला राजाका चक्र रत्ननिर्मित पुरवर में प्रवेश नहीं करता । चक्र स्थित हो गया, वह नगर में प्रवेश नहीं कर सकता, कुकविके काव्य की तरह चमत्कार उत्पन्न नहीं करता । मानो कोपरूपी आगका ज्वालामण्डल हो, मानो नगरलक्ष्मीने कुण्डल पहन लिया हो । भरतके प्रतापसे कायर हुआ मानो आया हुआ भानुबिम्ब शोभित है । इन्द्र और चन्द्रमाको प्रतिकूल करनेवाला मानो धकधक करता हुआ प्रलय कालकी लीलाके समान है । इस चक्रवर्तीको देख लो मानो लोकने ( इसके लिए) नगर में दीपक रख दिया है। मणियोंकी किरणमालाओंके ठहरनेका तट, राजारूपी दिवाकरके पुण्यरूपी हाथों ( करों) से उज्ज्वल, सुरभित गन्ध और लक्ष्मीसे सेवित तथा भ्रमर सहित जो चक्र मानो आकाशरूपी नदीका रक्त कमल है । वलयकी आकृतिवाले सुन्दर कान्तिसे युक्त इसके लिए धरती अवश्य कर देगी ।
१६. ३. १४ ]
घत्ता - वह चक्र नगरीमें प्रवेश नहीं करता उसी प्रकार, जिस प्रकार सैकड़ों कपटोंसे भरा हुआ धूर्तका विकारग्रस्त हृदय वेश्यामें प्रवेश नहीं करता ॥२॥
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मानो जैसे नाग-नर और देवों द्वारा प्रशंसित, यशसे विभूषित और गुणगण समूहसे दीप्त, सज्जनका स्वच्छ चरित्र, दुर्विनीत मानसवाले दुष्ट मनुष्य में प्रवेश नहीं करता । सूर्यका अतिक्रमण करनेवाला वह चक्र बाहर ऐसा स्थित हो गया, मानो देवने उसे कीलित करके छोड़ दिया हो । निश्चित रूपसे चक्र घरमें प्रवेश नहीं करता, मानो अन्यायसे उपार्जित धन पवित्र घर में प्रवेश नहीं कर रहा हो, जैसे सतीका चित्तपर पुरुषके अनुरागमें, जैसे स्वतन्त्रता दूसरोंकी दासतामें, जैसे मायावी स्नेह बन्धनमें मित्रके समान, पात्रदान में पापीके चित्तके समान, अरुचिसे पीड़ित व्यक्तिमें दिये गये भांतके समान, रतिसे व्याकुल मनुष्य की नयी विवाहित दुलहिन के समान, शुद्ध सिद्ध मण्डल में यमकरणके समान, पथ्यका सेवन करनेवालोंमें रोगके विस्तारके समान, दुर्बल और धनहीनके घर में शरणके समान, पापसे मलिन मनमें पण्डितमरणके समान, उपशान्त व्यक्तिमें क्रोधपूर्ण आचरणके समान, निर्विकारमें शरीरकी भूषाके समान, निशा समयके आगमन में सूर्योदय के समान, बुढ़ापे में तरुणीजनके रमणके समान, पुण्यहीनमें जिनगुणोंके स्मरणके समान, निर्धन और निर्गुण व्यक्तिमें विह्वल के उद्धारके समान
घत्ता - चक्र स्थिर हो गया, पुरवरमें वह प्रवेश नहीं करता । जैसे किसीने उसे पकड़ लिया हो । सुरवरोंसे घिरा हुआ वह ऐसा लगता है जैसे तारागणोंसे घिरा हुआ आकाशमें चन्द्रमा हो ||३||
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