Book Title: Mahapurana Part 1
Author(s): Pushpadant, P L Vaidya
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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महापुराण
१२
ताम तासु दूयंउ पेसिज्जइ तो पुणु बाहुबलि धरिज्जइ एम मंतु जं तेण पउँजिउ विरत संविद्धंणु दे सजाइकुलसुद्ध पसिद्धउ विविहविसयभासाभासिल्लउ तेयवंतु रक्खियपहुतेयउ गैंउ दूयउ परिचोइयपत्तर जहिं वणतरुसाहहिं महु वियलइ अइदीहरप्रवाससममहियहिं रसविसेसधारामहमहियई
आरणालं - ण हु मारइ महाहवे जा महाहवे दाइओ समत्थो । जाण हरइ णिराउलं तुह महीयलं तिक्खखग्गहत्थो ||१|| जइ पइ पणवइ तो पालिज्जइ । बंधि कारागार णिहिज्जइ । ताराएं तहु दू विसज्जिउ । सुहड सुलक्खणु सोमु सुदंसणु । पंडिउ पडु पहुलच्छिसमिद्धउ । दिठुत्तरु महिमाइ महल्लउ । महुरवाणि देउ अजेयउ । पोयणपुरु बहुदिवसहिं पत्तउ । चलकं केल्ली पल्लवु विलुलइ । पसंतहिं वि सं मंतहि पहियहिं । जहिं खजति फलाई सुरहियई । दिसु रुणुरुति इंदिंदिर ।
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हिंगुइ माल विहिंडिर" घत्ता - सरु मेल्लिव करेण नियड्ढयउ रत्तु पवड्डुलु" रसियउ । बिंबीफलु" अहरु व वणसिरिहे जहिं कणइल्ले डसियउ ॥ १२ ॥ ॥
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१०
आरणालं - वरेकेदारदारए सालिसारए कसणधवलपिच्छा । झणझणघणकणं कणिसमणुदिणं जहिं चुणंति रिंछा || १ || वित्तु जहिं चंदे दाविउ माणुस कत्थ य विहाविउ । जहिं विहारु पासाङ पियारउ उणारियणकंठु रइगारउ । उववासु वि चडएण रइज्जइ rs रोएं दुक्कालिं किज्जइ । जहिं केण विकीरण सुरागमु हो गुणीण गुणेहिं सुरागमु । दि सिहाछेउ वि रिसिदिक्खहि उ माणिक्कम ऊहपरिक्खहि । असिलाहरू जहिं लेप्पइ विसिम रणसंकप्पइ । वहइ सया णवत्तु वैणु जोर्वेणु उ णिरुवद्दउ णिवसंत जणु । गई ' णासवारि णउ रायवयं गइ | धरणु निवडणु जहिं अहरुल्लइ ।
"द्धत्तणु निवडणु थणउल्लइ
[ १६. १२. १
१२. १. MBP दूवउ । २. M पत्तु विद्धंसणु । ३. MBP आदेय । ४. MBP गयउ दूउ । ५. MBP ● दियहहि । ६. MBP पल्लउ | ७. MBP समत्तर्हि | ८. MP add after this : णं कामिणिवयणई अइसरसई, पुणु पिज्जहिं जलाई सरिसरसहि । ९. MBP गुंफइ । १०. MBP विडिर । ११. MBP पवट्टलु । १२. MBP बिबीहलु |
१३. १. MBP वरुं; T केयार । २. MBP पिछा। ३. MBP चरंति । ४. MBP णारियणदेहु । ५. MBP° हवरूवउं; K हवरूवउं but corrects it to रूउं । ६. MBPT धणु । ७. MBP जोव्वणु । ८. MT कुसादूसण । ९. P णीसग्गह । १०. MBP थड्ढत्तणु ।
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