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संधि ९
ता झाइ णिहु नियमणपेसरु परज्जिउ | yout छइ मासि णार्हे जोउ विसज्जिउ ॥१॥
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दुक्कियं खवंतो । सुद्धही महंतो || १ || तिह माणुस सरीरु आहारें । सिद्धउ लत्तर काल भवतें । पुवं पच्छा संथुइभासहिं । देवयचरुयहिं वियलियधम्महिं । चोई हम वित्थारवियारहिं । परंभयवसउच्चाइयगासहिं । जिउ अवरेहिं मि बहुदोसहिं । रस रखें" संतु हिणेवउ । संजमजत्तामेत्तु " समत्तउ ।
कोडीविसुद्ध सुपरिक्खि उ" । चरियाचरणु जगहु दरिसेवउ । ण करमि भोयणु ॥ भज्जिहइ तवोवणु ॥ १ ॥
हेलो - परिचितइ जिणेसरो महिमापार मासिओ जिह तेल्लेण दीव तरु णीरें आहारु वि जो परह णिमित्तं उझ आहाक मुद्दे सहिं अज्झोवज्झहिं पूईकम्महिं लिंगिणीसणर सँत्तूगारहिं जीववहाइअसंजममीसहि गणहरगणयहिं छायालीसहि रसु सरसुण किंपि भणेवउ रूवतेय बलर्चिताचत्तड सुक्खु क्खु वीरब्भुक्खिउ पाणिपत्ति सई मई भुजेवउ घत्ता - जइ हउं अच्छमि अज्जु केम वि तो जिह ए र भग्गा" तिह
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हेला - आहारें वओ तिणा तवो तिणी जियक्खो । अक्खाणं जर समो होइ तेण मोक्खो ॥१॥ sos जो पमोत्तूण |
MBP give, at the bigfnaing of this Samdhi, the stanza एको दिव्यकथाविचारचतुरः etc, for which see notes on pege 121.
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१. १. BP प सरपरज्जिउ । २. GK eall this couplet हेलादुवई only at this place; throughout the rest of the Samdhi they call it हेला । ३. MBP सुद्धधी । ४. BPK कालि । ५. P भमंतें । ६ B थुइभासहि । ७. K सत्तुग्गा रहि । B सत्तुउग्गारहि; P सत्तुगारहि । ८. MP चउदहं । ९. K पयभ । १०. MBP रसे रमंतु । ११. MBPT मेत्तसमत्तउ । १२. MBP सउवीरें भुक्खिउ; K सउवीरब्भक्खिउ । १३. M परिक्खिउ । १४. MBP भग्ग | २. १. MBP तवे ।
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