Book Title: Jivajivabhigama Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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जीवाजीवाभिगम सूत्र
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़ी खेचर तिर्यंचयोनिक स्त्रियां हैं, उनसे स्थलचर तिर्यंच स्त्रियां संख्यात गुणी और उनसे जलचर तिर्यंचयोनिक स्त्रियां संख्यात गुणी हैं।
विवेचन - इस दूसरे अल्पबहुत्व में तिर्यंच स्त्रियों का अल्पबहुत्व कहा गया है-सबसे थोड़ी खेचर तिर्यंच स्त्रियां हैं उनसे स्थलचर तिर्यंच स्त्रियां संख्यातगुणी हैं क्योंकि खेचर स्त्रियों की अपेक्षा स्थलचर स्त्रियां स्वभाव से ही प्रचुर मात्रा में होती है। स्थलचर तिर्यंच स्त्रियों से जलचर स्त्रियां संख्यातगुणी हैं क्योंकि लवण समुद्र में, कालोदधि समुद्र में और स्वयंभूरमण समुद्र में मत्स्यों (मछलियों) की प्रचुरता है और स्वयंभूरमण समुद्र सभी द्वीप समुद्रों में सबसे बड़ा है। तीसरा अल्पबहुत्व इस प्रकार है - ___ एयासिं णं भंते! मणुस्सित्थीणं कम्मभूमियाणं अकम्मभूमियाणं अंतरदीवियाण य कयराकयराहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा?
गोयमा! सव्वत्थोवाओ अंतरदीवग अकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ देवकुरु त्तरकुरु अकम्मभूमगमणुस्सित्थियाओ दो वि तुल्लाओ संखेज्जगुणाओ, हरिवास रम्मयवास अकम्मभूमग मणुस्सित्थियाओ दो वि तुल्लाओ संखेजगुणाओ, हेमवएरण्णवय अकम्मभूमग मणुस्सित्थियाओ दो वि तुल्लाओ संखेज्जगुणाओ, भरहेरवयकम्मभूमग मणुस्सित्थियाओ दो वि तुल्लाओ संखेज्जगुणाओ, पुव्वविदेह अवरविदेह कम्मभूमग मणुस्सित्थियाओ दो वि तुल्लाओ संखेज्जगुणाओ॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! कर्मभूमिज, अकर्मभूमिज और अंतरद्वीपज मनुष्य स्त्रियों में कौन किससे अल्प, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़ी अंतरद्वीपों की अकर्मभूमिज मनुष्य स्त्रियाँ हैं, उनसे देवकुरुउत्तरकुरु की अकर्मभूमिज मनुष्य स्त्रियाँ परस्पर तुल्य और संख्यात गुणी हैं, उनसे हरिवर्ष रम्यकवर्ष अकर्मभूमिज मनुष्य स्त्रियाँ परस्पर तुल्य और संख्यातगुणी हैं, उनसे हेमवत ऐरण्यवत अकर्मभूमिज मनुष्य स्त्रियाँ परस्पर तुल्य और संख्यातगुणी हैं, उनसे भरत ऐरवत क्षेत्र की कर्मभूमिज मनुष्य स्त्रियाँ परस्पर तुल्य और संख्यातगुणी हैं, उनसे पूर्व विदेह पश्चिम विदेह की कर्मभूमिज मनुष्य स्त्रियाँ परस्पर तुल्य और संख्यातगुणी हैं।
विवेचन - तीसरा मनुष्य स्त्रियों का अल्पबहुत्व इस प्रकार है - सबसे थोड़ी अंतरद्वीपों की अकर्मभूमिज मनुष्य स्त्रियाँ हैं, क्योंकि वह क्षेत्र छोटा है। उनसे देवकुरु उत्तरकुरु क्षेत्र की अकर्मभूमिज मनुष्य स्त्रियाँ क्षेत्र समान होने से दोनों परस्पर तुल्य और संख्यातगुणी अधिक हैं। उनसे हरिवर्ष रम्यकवर्ष क्षेत्रों की अकर्मभूमिज मनुष्य स्त्रियाँ परस्पर तुल्य और संख्यातगुणी हैं क्योंकि देवकुरु
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