Book Title: Jivajivabhigama Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 367
________________ आगम बत्तीसी के अलावा संघ के प्रकाशन . मूल्य १५-०० ५-०० . O O . १-०० २-०० . . . . . O OM V W . . . ८-०० ८-०० .. .. . १०-०० rrrUVorr.sxr । १०-०० . १-०० २-०० ५-०० ३-०० अप्राप्य ४-०० ४-०० क्रं. नाम १. अंगपविट्ठसुत्ताणि भाग १ २. अंगपविट्ठसुत्ताणि भाग २ ३. अंगपविट्ठसुत्ताणि भाग ३ ४. अंगपविट्ठसुत्ताणि संयुक्त . ५. अनंगपविट्ठसुत्ताणि भाग १ ६. अनंगपविद्वसुत्ताणि भाग २ ७. अनंगपविट्ठसुत्ताणि संयुक्त ८. अनुत्तरोववाइय सूत्र ६. आयारो १०. सूयगडो ११. उत्तरायणाणि(गुटका) । १२. बसवेयालिय सुत्तं (गुटका) १३. णंदी सुत्तं (गुटका) १४. चउछेयसुत्ताई १५. अंतगडदसा सूत्र १६-१८.उत्तराध्ययन सूत्र भाग १,२,३ १६. आवश्यक सूत्र (सार्थ) २०. दशवकालिक सूत्र . २१. जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग १ २२. जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग २ २३. जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग ३ २४. जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग ४ २५. जैन सिद्धांत थोक संग्रह संयुक्त २६. पन्नवणा सूत्र के थोकड़े भाग १ २७. पन्नवणा सूत्र के थोकड़े भाग २ २८. पन्नवणा सूत्र के थोकड़े भाग ३ २६-३१. तीर्थंकर चरित्र भाग १,२,३ ३२. मोक्ष मार्ग ग्रन्थ भाग १ ३३. मोक्ष मार्ग ग्रन्थ भाग २ ३४-३६. समर्थ समाधान भाग १,२,३ ३७. सम्यक्त्व विमर्श ३८. आत्म साधना संग्रह ३९. आत्म शुद्धि का मूल तत्वत्रयी ४०. नवतत्वों का स्वरूप ४१. अगार-धर्म ४२.SaarthSaamaayikSootra ४३. तत्त्व-पृच्छा ४४. तेतली-पुत्र ४५. शिविर व्याख्यान ४६. जैन स्वाध्याय माला ४७. सुधर्म स्तवन संग्रह भाग १ ४८. सुधर्म स्तवन संग्रह भाग २ ४६. सुधर्म चरित्र संग्रह ५०. लोकाशाह मत समर्थन ५१. जिनागम विरुद्ध मूर्ति पूजा मूल्य क्रं. नाम १४-००/५२. बड़ी साधु वंदना ४०-०० ५३. तीर्थंकर पद प्राप्ति के उपाय ३०-०० ५४. स्वाध्याय सुधा ५५. आनुपूर्वी ३५-०० |५६. सुखविपाक सूत्र ४०-०० ५७. भक्तामर स्तोत्र ८०-०० ५८. जैन स्तुति ३-५० ५६. सिद्ध स्तुति ६०. संसार तरणिका ६१. आलोचना पंचक ६२. विनयचन्द चौबीसी ५-०० ६३. भवनाशिनी भावना अप्राप्य ६४. स्तवन तरंगिणी १५-०० ६५. सामायिक सूत्र १०-०० ६६. सार्थ सामायिक सूत्र ४५-०० ६७. प्रतिक्रमण सूत्र १०-०० ६८. जैन सिद्धांत परिचय १५-०० ६६. जैन सिद्धांत प्रवेशिका १०-०० . जैन सिद्धांत प्रथमा १०-०० ७१. जैन सिद्धांत कोविद १०-०० ७२. जैन सिद्धांत प्रवीण १०-०० ७३. तीर्थंकरों का लेखा १५-०० ७४. जीव-धड़ा ८-०० ७५. १०२ बोल का बासठिया १०-०० ७६. लघुदण्डक १०-०० ७७. महादण्डक १४०-०० ७८. तेतीस बोल ३५-०० ३०-०० ७६. गुणस्थान स्वरूप ८०. गति-आगति ८१. कर्म-प्रकृति ८२. समिति-गुप्ति २०-०० ८३. समकित के ६७ बोल १५-०० ८४. पच्चीस बोल १०-०० ८५. नव-तत्त्व अप्राप्य ८६. सामायिक संस्कार बोध -०० ८७. मुखवस्त्रिका सिद्धि ५०-०० ८८. विद्युत् सचित्त तेऊकाय है १२-०० ८९. धर्म का प्राण यतना २०-०० १०. सामण्ण सहिधम्मो २२:०० ६१. मंगल प्रभातिका १८-०० ६२. कुगुरु गुर्वाभास स्वरूप १३. जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग ५ १४. जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग ६ १५. जैन सिद्धांत थोक संग्रह भाग ७ अप्राप्य २-०० । । Fo-०० ०४.. १-०० २-०० ३-०० १-०० १-०० २-०० २-०० ३-०० ८-०० ४-०० ३-०० ३-०० २-०० अप्राप्य १.२५ ५-०० २०-०० २०-०० २०-०० Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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