Book Title: Jivajivabhigama Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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१७८
. जीवाजीवाभिगम सूत्र
गोयमा! सव्वत्थोवा जेरइय णपुंसगा, देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, देवित्थीओ संखेज्जगुणाओ॥
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! इन देवस्त्रियों, देवपुरुषों और नैरयिक नपुंसकों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक है?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े नैरयिक नपुंसक, उनसे देवपुरुष असंख्यातगुणा और उनसे भी दैवस्त्रियाँ संख्यातगुणी हैं।
विवेचन - सामान्य देवस्त्री, देवपुरुष और नैरयिक नपुंसक विषयक यह चौथा अल्पबहुत्व कहा गया है।
एएसि णं भंते! तिरिक्खजोणित्थीणं तिरिक्खजोणियपुरिसाणं तिरिक्खजोणिय णपुंसगाणं मणुस्सित्थीणं मणुस्सपुरिसाणं मणुस्सणपुंसगाणं देवित्थीणं देवपुरिसाणं
रइय णपुंसगाण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? ___ गोयमा! सव्वत्थोवा मणुस्सपुरिसा मणुस्सित्थीओ संखेजगुणाओ मणुस्स णपुंसगा असंखेज्जगुणा णेरइय णपुंसगा असंखेज्जगुणा, तिरिक्खजोणियपुरिसा असंखेजगुणा, तिरिक्खजोणित्थियाओ संखेन्जगुणाओ देवपुरिसा असंखेजगुणा, देवित्थियाओ संखेज्जगुणाओ तिरिक्खजोणिय णपुंसगा अणंतगुणा।
भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन्! इन तिर्यंचयोनिक स्त्रियों, तिर्यंचयोनिक पुरुषों, तिर्यंचयोनिक नपुंसकों में, मनुष्यस्त्रियों, मनुष्य पुरुषों और मनुष्य नपुंसकों में, देव स्त्रियों, देवपुरुषों और नैरयिक नपुंसकों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े मनुष्य पुरुष, उनसे मनुष्य स्त्रियाँ संख्यातगुणी, उनसे मनुष्य नपुंसक असंख्यातगुणा, उनसे नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुणा, उनसे तिर्यंचयोनिक पुरुष असंख्यातगुणा, उनसे तिर्यंचयोनिक स्त्रियाँ संख्यातगुणी, उनसे देवपुरुष असंख्यातगुणा, उनसे देवस्त्रियाँ संख्यातगुणी उनसे तिर्यंचयोनिक नपुंसक अनन्तगुणा हैं। .
विवेचन - पांचवें अल्पबहुत्व में सामान्य की अपेक्षा पूर्व में कहे गये अल्पबहुत्वों का शामिल अल्पबहुत्व कहा गया है।
एएसि णं भंते! तिरिक्खजोणित्थीणं जलयरीणं थलयरीणं खहयरीणं तिरिक्खजोणिय पुरिसाणं जलयराणं थलयराणं खहयराणं तिरिक्खजोणिय णपुंसगाणं एगिदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगाणं पुढविकाइय एगिदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगाणं
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