Book Title: Jivajivabhigama Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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तृतीय प्रतिपत्ति - द्वितीय नैयिक उद्देशकावरकों में शीत उष्ण वेदना
नरकों में शीत उष्ण वेदना ___
शीट कि , इसीसे णं भंते! स्यणप्यभाए पदवीए णेरड्याणं किं सीयवेयणं वेदेति उसिणवेयणं वेदेति, सीओसिणवेयणं वेदेति? IFFIFE Tamily sta RF RESETWEE
मोयमाणो सीयं वेयणं वेदेति, उसिणं वेय वेदेति णो सीओसिणगाएकोजाव वालुयध्यभाए, पंकप्पभाए पुच्छा, गोयमा सीय पि वेयण वेदेति उसिणीय वैयेणे वैयति, णो सीओसिणवेयणं वेयंति, ते बहुतरगा जे उसिण वेयणं वेदेति तावतरंगों
FREPRETTE जानाका लिकित जे सीयं वेयणं वेदेति।
Reph is पाकि भूमापभार पुछा, सोयमा सीयं मि केयणं देहेंनि उमिाण मिलेगा बेदि, णो सीओसीणवेयणं वेदेति, ते बहुतरगा जे सीयवेयणं वेदेति ते थोवतरगा जे उसिस्पोया tatata TÚ TESTI
Tutte UT 86 To ! TESTITS का तमाए पुछा गोषमा। सीवावेयाणां वेटेंतिपोलिहिणं वेयणावेदेति को सीओरिम वेयण बेदेंति, एवं अहेसत्तमाएं पावरप्पडमसीयं ETF की गणशृणा
कठिन शब्दार्थ बहुतागालाबहुतरका प्रभूतरू बनाधिका गोवारमानाकामालाड थोके सीओसिणवेषण शीतोष्या वेदना । TSHIPPES S TORNEY - भावार्थ प्राव हे भगवन् । इस रत्नप्रभा पृथ्वी के नैरपिक क्या अन्नडनावेहो वेदना वेदते हैं या शीतोष्ण वेदना वेदते हैं ? THE RE . संजी
बत हे गौतम ! रत्नप्रभा पृथ्वी के नरयिक शीत वेदना नहीं वेढते जण वेदना वेदने शीतोष्ण वेदना नहीं वेदते है। इसी प्रकार शर्कराप्रभा और बालुकाप्रभा पृथ्वों के नरपिकों के विषय में
" मा निधी समझ लेना चाहिये। Parames -
Titोगे-शाए Fठीक प्रम-भगवन्ापकप्रभा पृथ्वा कनराषकक्याशातवदनाबदतहाद प्रश्न HTTERNATE
तर- है गीतमा पकभी पृथ्वी कमरषिकशतिवदनी भी बदत हैष्णबँदनी भी बदतह MERA
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मामा । मराषकबहत है. जो उष्ण बबनी बदत है आरव मराधिक कम है जा शात बदनावदाह
. FREST TAPER FREE धूमप्रभा पृथ्वी विषयक प्रश्न ? हे गौतम! धूमप्रभा पृथ्वी के नैरयिक शीतवेदना भी वेदते हैं उष्ण वेदना भी वेदते हैं किंतु शीतोष्ण वेदना नहीं वेदते। वे नैरयिक जीव अधिक हैं जो शीत लेवा वेदते हैं और वे नैरयिक जीव अल्प हैं जो उष्ण वेदना वेदते हैं।
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