Book Title: Jivajivabhigama Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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जीवाजीवाभिगम सूत्र
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पढमोतिरिक्रवजोणिय उद्देसो
की प्रथम तिर्यंचयोनिक उद्देशक जीवाभिगम सूत्र की तीसरी प्रतिपत्ति के तीन उद्देशकों में नरक का वर्णन करने के बाद अब सूत्रकार इस उद्देशक में तिथंचों का वर्णन करते हैं जिसका प्रथम सूत्र इस प्रकार है -
तिर्यंचयोनिकों के भेद से किं तं तिरिक्खजोणिया?
तिरिक्खजोणिया पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा - एगिदियतिरिक्खजोणिया बेइंदियतिरिक्खजोणिया, तेइंदियतिरिक्खजोणिया, चउरिंदियतिरिक्खजोणिया पंचिंदियतिरिक्खजोणिया। - भावार्थ - तिर्यंच योनिक जीव कितने प्रकार के कहे गये हैं ?..
तिथंच योनिक जीव पांच प्रकार के कहे गये हैं। वे इस प्रकार हैं - १. एकेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक २. बेइन्द्रिय तिर्यंचयोनिक ३. तेइन्द्रिय तिर्यंचयोनिक ४. चउरिन्द्रिय तिर्यंचयोनिक और ५. पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक।
. एकेन्द्रिय जीवों के भेद-प्रभेद 15 55 57 से किं तं एगिंदियतिरिक्खजोणिया?
- eff ko ... एगिंदियतिरिक्खजोणिया पंचविहा पण्णत्ता, तं जहा - पुढविकाइयएगिदियतिरिक्खजोणिया जाव वणस्सइकाइयएगिदियतिरिक्खजोणिया। से किं तं पुढविकाइय एगिंदियतिरिक्खजोणिया?
6 mins पुढविकाइय एगिदिय तिरिक्खजोणिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा - सुहमपुढविकाइय एगिदिय तिरिक्खजोणिया बायरपुढविकाइय एगिंदिय तिरिक्खजोणिया या 7.15 15/11
से किं तं सुहुमपुढविकाइय एगिदिय तिरिक्खजोणिया? ... समतुमपुलविकाइय एगिदिय तिरिक्खजोणिया दुविहा पण्णत्ता, तं जहा -
मासाः
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पाया
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