Book Title: Jivajivabhigama Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
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जीवाजीवाभिगम सूत्र
सक्करपभा पुढविणेरइय णपुंसगा जाव अहेसत्तमपुढवि णेरइय णपुंसगा। से तं णेरइय णपुंसगा।
भावार्थ - नैरयिक नपुंसक कितने प्रकार के कहे गये हैं ?
नैरयिक नपुंसक सात प्रकार के कहे गये हैं। वे इस प्रकार हैं - १. रत्नप्रभा पृथ्वी नैरयिक नपुंसक, शर्कराप्रभा पृथ्वी नैरयिक नपुंसक यावत् अधःसप्तम पृथ्वी नैरयिक नपुंसक। यह नैरयिक नपुंसक का निरूपण हुआ।
विवेचन - नैरयिक नपुंसकों के सात भेद इस प्रकार होते हैं - १. रत्नप्रभा पृथ्वी नैरयिक नपुंसक २. शर्कराप्रभा पृथ्वी नैरयिक नपुंसक ३. बालुकाप्रभा पृथ्वी नैरयिक नपुंसक ४. पंकप्रभा पृथ्वी नैरयिक नपुंसक ५. धूमप्रभा पृथ्वी नैरयिक नपुंसक ६. तमःप्रभा पृथ्वी नैरयिक नपुंसक ७. अधःसप्तम. पृथ्वी नैरयिक नपुंसक।
से किं तं तिरिक्खजोणिय णपुंसंगा?
तिरिक्खजोणिय णपुंसगा पंचविहा पण्णत्ता तंजहा-एगिदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा, बेइंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा, तेइंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा, • चउरिदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा, पंचिंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा। :
से किं तं एगिदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा?
एगिदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा पंचविहा पण्णत्ता, तंजहा - पुढविकाइय एगिंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा जाव वणस्सइकाइय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा, से तं एगिदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा। .. से किं तं बेइंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा? ____ बेइंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा अणेगविहा पण्णत्ता। से तं बेइंदिय तिरिक्ख जोणिय णपुंसगा एवं तेइंदिया वि चारिदिया वि। - से किं तं पंचेंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा? ।
पंचेंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा तिविहा पण्णत्ता, तंजहा - जलयरा थलयरा खहयरा।
से किं तं जलयरा?
जलयरा सो चेव पुव्वत्त भेदो आसालिय सहिओ भाणियव्यो, से तं पंचिंदिय तिरिक्खजोणिय णपुंसगा।
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