Book Title: Jain Sahitya ka Samajshastriya Itihas
Author(s): Usha Agarwal
Publisher: Classical Publishing Company
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________________ 63 जैन इतिहास का विषय और विकास 15. द इन्वेजन ऑफ अलैक्जेन्डर द ग्रेट पृ 358, आ०चू०२, पृ 63 16. ओ०नि० 170-71 17. औ०सू० 11-2 पृ० 42-47 18. औ०सू० 14 पृ 46 16. उ०सू० 8/1-2 20. स्था० सू० 10/712 21. आ०चू० 2 पृ 202, उ०टी० १८/२३२-अ, उ०सू०६वॉ अध्याय में नमि द्वारा दीक्षा ग्रहण करने का विस्तृत वर्णन है। 22. उ०सू० ६वॉ अध्याय 23. उ०सू० 16 पृ 36-43 ज्ञातृ ध०क० 1, पृ० 28 / 24. आ०सू०७/४/२१२ पृ० 252 25. ज्ञातृ ध०क० 1 पृ 43, उ०टी०१, पृ० 21 26. निदान कथा पृ० 87-88 | आ०चू०पृ० 467 27. दश० वै०सू० 6/8 . 28. व्य०भा०भाग 4, 2/201 26. स्था०सू० 3.202, नि०भा० 11/2506-7 30. नि०भा० 11/3537-36, 11/3536 31. नि०भा० 11/3536 32. उ०टी० 6, पृ० 133 33. क०सं०५/११० पृ 121 / ज्ञातृ०ध०क० 1, पृ 33 / उ०सू०२२ पृ 276 34. ज्ञातृ ध०क० 1, पृ 24-34, आ०चू०पृ० 266-67, उ०टी० 18 पृ 257 35. दवै०चू०पृ० 83 ज्ञातृ ध०क०५ पृ 70-71 . 36. बृह०क०भा० 1/2363-64, 1/3055-57, 1/3073, 3/3604, आ०चू०२, पृ० 154, नि०चू०पी० 255, 286 की चूर्णी 37. बृह०के०भा० 4/5626-33, नि०भा० 12/4218, 12/4234 38. आ०सू० 2, 3.2. पृ० 347 अ, वृह०क०सू० 4/33 नि०भा० 12/4228, नि०चू०पी० 168-66 / 36. नि०चू० 6/2573 40. बृह०क०भा० 1/2463-66, नि०भा० 5/1614 की चूर्णी, ओ०नि०२१८ पुं० ८८-अ बृह०क०भा००४/५६७३-७७, 3/4745-46 41. व्य०भा 5/86-60 पृ० 20. 42. बृह०क०भा० 4/4656-58 1/622-23 43. नि०भा० 16/5740-43, व्य०भा० 5/27-81 नि०चू० 12/4023 की चूर्णी, सु०सू० 2/6, बृह०क०मा 6/6167 / / 44. आ०सू० 2, 2/1/264 पृ० 332, उ०टी० 1 पृ० २०–अ। सू०कृ०टी० 4/1.2 . 45. बृहक०सू० 3/11, बृह०क०भा० ४रु५६७३-७७ 46. बृह०क०भा० 1/610-2013, व्य०भ० 5/86-60 पृ०.२०, नि०सू०

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