Book Title: Jain Sahitya ka Samajshastriya Itihas
Author(s): Usha Agarwal
Publisher: Classical Publishing Company

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Page 213
________________ 165 168. वही भा०२ लेन० 264 166. ए०इ०१६, पृ० 20, भा०१ पृ० 2 170. जै०शि०सं०भा०४ ले०न० 67 171. वही 67 172. जै०शि०स०भा०२ ले०न० 277, पू०म०का०भ०पु० 105 173. वही भा०१ लेन० 60 174. वही भा०२ लेन० 230 175. वही भा०३ लेन० 174 176. वही भा०२ लेन० 340 177. वही भा०२ लेन० 123, 131, 138, 214, 253, 284, भा०१ लेन० 138, भा०४ ले०न० 258, 262, 282 178. प्रा०भा०इ० वि०ख० पृ० 78 176. जै०शि०सं०भा०२ ले०न० 167, भा०३ लेन० 347, 364 180. वही भा०२ लेन० 253, 288 181. वही ले०न० 24, 253. भा०४ लेन० 81, भा०३ लेन० 376 182. वही भा०२ ले०न० 104 183. वही लेन० 167, 222, 236, भा०३ ले०न० 312, 338, भा०४ ले०न० 248 184. वही भा०३ लेन० 411, 426 185 वही भा०४ लेन० 68, 66 186. वही ले०न० 81 187, वही भा०४ लेन० 136 188. प्रा०भा०इ०द्वि०,ख पृ० 47 186 जै०शि०सं०भा०२ ले०न० 131, 146 160. वही भा०३ ले०न० 360 161. वही लेन० 364 162. वही भा०४ ले०न० 152, 166, 255, 261, 267, 268 163. वही भा०३ लेन० 376, 360 / / 164. वही भा०२ ले०१ / 165. जै०शि०सं० भा०१ लेन० 125 166. वही लेन० 112, 113 167. वही लेन० 85, 156, 163, भा०२ ले०न० 28, 232 168. वही भा०२ ले०न० 85, 160, 268, भा० 2 लेन० 113 166. वही भा०१ ले०न० 112, 160 भा०२ ले०न० 228

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