Book Title: Jain Sahitya ka Samajshastriya Itihas
Author(s): Usha Agarwal
Publisher: Classical Publishing Company
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________________ 200 जैन साहित्य का समाजशास्त्रीय इतिहास 315. वही भा०४ ले०न० 153, जै०ए०भा० 11 अंक 2 पृ० 63, 65 316. वही लेन० 160 317. जै०शि०सं०भा०४ लेन० 237, 238 318. वही भा०४ लेन० 66, भा०२ ले०न० 207. 267, 277 316. वही लेन० 212, भा०२ ले०न० 206 320. वही लेन० 261 321. वही भा०३ ले०न० 313, 377, 386, 408, 431 322. वही ले०न० 313, 408 323. वही ले०न० 377 324. जै०शि०सं०भा०२ लेन० 267. 325. वही लेन० 277 326. वही भा०३ ले०न० 266 327. वही भा०४ लेन० 277 328. वही भा०४ ले०न० 214 326. वही भा०४ लेन० 240 330. वही ले०न० 154, 155, 157, भा०२ ले०न० 227 331. जै०शि०सं०भा०२ ले०न० 66, 100, 105 . 332. वही भा०४ लेन० 20 333. वही भा०४ लेन० 143. 268, 300 334. वही भा०४ लेन० 124 335. वही भा०२ ले०नं० 106 336. वही लेन० 121 337. जै०शि०सं०भा० 1 ले०न० 42, 43, 47, 50 भा०१ लेन० 40 338. वही भा०४ लेन० 130, 168. 336. वही भा०२ लेन० 124, भा०४ ले०न० 256 340. वही भा०४ ले०न० 70, 131 341. वही भा०२ लेन० 160, 205 342. वही भा०४ लेन० 207 343. जैशि०सं०भा०२ लेन० 130 344. वही लेन० 182 345. वही भा०४ ले०न०.२०६ 346. वही जै०ए०भा०६ अंक 2 पृ० 68, 66. 347. जै०शि०सं०भा०३ भूमिका पृ० 15, 16

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