Book Title: Jain Sahitya ka Samajshastriya Itihas
Author(s): Usha Agarwal
Publisher: Classical Publishing Company
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________________ अभिलेख 166 284. नीतिसार (इन्द्रनन्दिकृत) पद्य न० 6-8 285. जै० शि० सं० भा० 1 ले० न० 55 286. जै० शि० सं० भा०२ ले० न० 111, 113, 114 287. जै० शि० सं० भा० 2 ले० नं० 146 288. जै० शि० सं० भा० 2 ले० न० 163 286. जै० शि० सं० भा० 4 ले० न० 55 260. जै० शि०. सं० भा०२ ले० न० 137 261. जै० शि० सं० भा० 2 ले० न० 186, 217, भा०४ ले० न० 61. भा० 3 ले० न० 321 262. जै० शि० सं० भा० 4 ले० न० १३४।५-जै०शि०सं०भा०४ले०न० 138,165 263. जै० प० 1, अं० 3. पृ० 63, 66 264. जै० शि० सं० भा०२ ले० न० 127 265. जै० शि० सं० भा०२ ले०न० 150, भा० 1 ले०न० 55, 56, 45, 462 266. जै० शि० सं० भा०२ ले० न० 65, 127, 131-137, 144, 146, 150, 158, 204 267. जै०शि० सं०भा०४ लेन० 180, 222 268. जै०शि० सं०भा०२ ले० नं० 132 266. जै० शि० सं०भा०२ ले०नं० 122, 123 300. जै० शि०सं०भा०२ ले० नं० 223 301. जै० शि० सं० भा०२ ले० न० 223. 232, 236, 241, 253. 266. 284, 285 302. जै० शि० सं० भा०४ ले० न० 74 303. जै० शि० सं० भा० 4 ले० न०.२७२ 304. जै० शि०सं०भा०४ लेन० 260, 360, भा०३ लेन० 411, 465 305. वही भा०३ ले०न० 411 306. वही भा०४ लेन० 64 307. वही भा०४ ले०न० 217 308. वही भा०४ ले०न० 372 306. वही लेन० 163, 226, 256 . 310. वही लेन० 126, 136, 140 311. जै०शि०सं०भा०२ लेन० 185, 234, 266, भा०३ लेन०. 318 312. जै०सा०इ०ले०न०४६ पृ० 367-74 313. जै०शि०सं०भा०४ लेन० 85, भा०२ ले०न० 267 314. वही ले०न० 117

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