Book Title: Jain Sahitya ka Samajshastriya Itihas
Author(s): Usha Agarwal
Publisher: Classical Publishing Company

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Page 215
________________ अभिलेख 167 - 123, 222, 227, 264, 206, 210, 213, 226, 248, 274, 277. 131, 143, 144, 146 भा०३, ले०न० 318, 327, 408, 461, 364, 376, 373, 356, 408 भा०४, ले०न० 265, 282, 22, 21, 186, 166, 256, 262, 166 230. वही भ०ले०न० 284, 228, 147, भा०४ ले०न० 24, 55, 136, 153, 168, 286 231. वही भा०२ ले०न० 138, 140. 181, 163, 218, 216, 251, 253, 274, 284, 262, 302, 267 __ भा०३ ले०न० 347, 356, 373, 408, भा०४ले०न० 23, 127, 166, 173, 246, 250, 150, 151 232. वही भा०१ लेन० 61 भा०२ ले०न० 146 233. वही भा०२ लेन० 121, 122, 124, 131 234. वही भा०२ लेन० 210 235. जै०शि०सं० भा०२ लेन० 248, 277, 288, 262, 301, भा०३ लेन० 314, 318, 316 - 324, 356, 385 236. वही भा०२ ले०न० 248, भा०३ ले०न० 334, 320, भा०४ ले०न० 204, 263 237. वही भा०३, लेन० 327, 431, भा०४ लेन० 56, 83. 165, 161, 282 238. वही भा०४ लेनं० 21 236. वही भ०३ जै०न० 373, 431, भा०१ ले०न० 137 240. मनुस्मृति के चार श्लोक प्रत्येक लेख के अन्त में दिये गये हैं। 241. जै०शि०सं०भ०२ ले०न० 136, 158, 166 भा०४ लेन० 105, 176, 288 242. वही भा०१ लेन० 38, 152, भा०२ ले०न० 144, 136, 178, 180, भा०३ ले०न० 461, भा०४ लेन० 275, 281, 76, 143, 268, 303, 315 . 243. वही भा० 1 लेन० 68, 144, भा०२ ले०न० 143, 180, भा०४ लेन० 144, 143 244. जै०शि०सं०भा०१ देवकीर्ति प्रशस्ति लेन० 36, 40, शुभचन्द्रप्रशस्ति लेना 41, मेघचन्द्र प्रशस्ति ले०न० 47, प्रभाचन्द्र प्रशस्ति ले०न०५० आदि 245. वही भा०२ लेन० 204 246. वही भा०३ लेन० 312, 333 247. प्रज्ञा पृ० 2 248. जै०शि०सं० भा०३ लेन० 315 246. वही भ०३ लेन० 332, 435 250. वही भा०३ लेन० 332

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