Book Title: Jain Sahitya ka Samajshastriya Itihas
Author(s): Usha Agarwal
Publisher: Classical Publishing Company
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________________ 164 जैन साहित्य का समाजशास्त्रीय इतिहास 136. वही भा०२ ले०न० 217 137. वही भा०३ लेन० 411 138. वही भा०२ ले०नं० 277 136. जै०शि०सं० भा०२ ले०न० 277 140. वही भा०४ लेन० 165 141. वही भा०४ लेन० 81 142. वही भा०२ ले०न० 228, 267 भा०४ ले०न० 81 143. वही भा०२ लेन० 253 144. वही भा०३ लेन० 408 145. वही भा०२ ले०नं० 143 146. वही भा०४ ले०न० 55 147. जै०शि०सं०भा०२ लेन० 143, 144, भा०३ लेन० 376 148. वही भा०३ लेन० 373 146. वही भा०२ ले०न० 266, भ०१ लेन० 50, 53, भा०३ ले०न० 308 150. वही भा०२ ले०न० 277 151. वही भा०१ ले०नं० 40, 42, 44, 106, भा०३ लेन० 347 152. वही भा०१ ले०नं० 461, भा०२ ले०न० 230, 264, 266 / भा०३ लेन० 305 153. वही भा०२ लेन० 277 154. जै०शि०सं०भा०३ ले०न० 346, 376, भा०२ लेन० 264 155. वही भा०४ लेनं० 138 156. वही भा०३ लेन० 431 . 157. वही भा०१ ले०न० 46, 58, भा०२ ले०न० 122, भा०३ लेन० 411, 435 158. वही भा०३ लेन० 327, 336, 352 156. वही भा०१ लेन० 44, 56, 45, 47, 48, 51, 52, 63, 60, 446, 471, 478, 460 भा०२ ले० न० 288, 261, भा०३ ले०न० 305, 347 160. वही भा०३ लेन० 324, 431 - 161. वही भा०१ ले०न० 61, भा०३ ले०न० 411, 305 / . 162. पू०म०का०भा० पृ०१०४ 163. जै०शि०सं०भा० 3 लेन० 408 164. वही लेख्न० 322, भा०४ लेन० 153 165. वही भा०१ लेन० 144, भा०३ लेन० 305 166. वही भा०३ लेन० 305 167. वही भा०३ ले०न० 408

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