________________ 166 जैन साहित्य का समाजशास्त्रीय इतिहास' सम्बन्धित था। जैसे - होन, कलस आदि। इन मापों का उपयोग करके भूमि दान में दी जाती थी। लेखों से ज्ञात होता है कि दक्षिण भारत में 10 वी, १२वी शताब्दी में निवर्तन भूमि का प्रमुख माप थी। शीलहार वंश, रट्टवंश एंव गंगवंश के राजाओं द्वारा मन्दिर निर्माण हेतु निवर्तन माप से भूमिदान के उल्लेख प्राप्त होते है। चालुक्य राजा पेम्माडिदेव द्वारा 12 निवर्तन भूमि दान देने की जानकारी होती है। शिलाहार वंश के लेख से ज्ञात होता है कि यह भूमि कुण्डि के नाप से नाप में चौथाई निवर्त्तन थी५ / प्रतिहार एंव राष्ट्रकूट प्रशस्तियों में भी निवर्तन शब्द क्षेत्र माप के लिए प्रयुक्त है / परन्तु निश्चित रुप से नहीं कहा जा सकता कि इससे किस क्षेत्र फल का परिज्ञान होता है। दूसरे माप को मत्तर कहते थे। रट्टवंशीय शान्तिवर्मा द्वारा 150 मत्तर भूमि एंव चालुक्य राजा सोमेश्वर द्वितीय द्वारा खेतों की काफी संख्या में मत्तर भूमि पार्श्वजिनेश्वर की पूजा, शास्त्र लिखने वालों के आहार के लिए दान देने की जानकारी होती है / सम्भवतः ये निवर्तन से छोटा भाग रहा होगा। कम्म भी भूमि की माप थी जो आहारदान, बसदि निर्माण, एंव उद्यान हेतु दान में देने की जानकारी होती है७८ | ११वीं शताब्दी में यह माप अधिक प्रचलित था। . लेखों से ज्ञात होता है कि दान में दिये जाने वाले भवन प्रायः गज से नापे जाते थे। शिलाहार वंशीय महामंडलेश्वर बल्लालदेव एंव गण्डरादित्य द्वारा 3 गज का एक भवन तपस्वियों के आहारदान हेतू दान में देने की जानकारी होती है। इसी लेख से पार्श्वनाथ स्वामी की मूर्ति का नाप 2 फुट 3 इंच होने की जानकारी होती है | यह भूमि माप कम जगह के मापने के काम आता होगा। . लेखों में हस्त (हाथ) का नाम क्षेत्र माप के लिए प्रयुक्त किया गया है। संभवतः किसी व्यक्ति विशेष के हाथ की लम्बाई प्रामाणिक समझी गयी होगी जिसके कारण इसे भूमि माप का एक साधन मान लिया गया। शिलाहार वंशीय राजा विजयादित्य द्वारा 12 हाथ का एक मकान दान देने की जानकारी होती है। प्रतिहार लेख में भी हस्त माप का उल्लेख है / लेखों से ज्ञात होता है कि 18 इंच से कम का हाथ नहीं हो सकता। एक लेख में छ: हाथ भूमि 3 गज भूमि के माप की बतलायी गयी है जो उपर्युक्त बात की पुष्टि करती है | यह साधारण जनता के माप का साधन था। साधारण जनता विलस्त से भी डंडा नापकर भूमिदान करती थी। ये विलस्त नाप के डंडे से नहर इत्यादि नापने की जानकारी होती है / होय्यसल वंश के एक लेख से 33 विलस्त के डंडे से नापकर भूमि दान देने के उल्लेख प्राप्त होते हैं। लेखों से कुण्डी नामक देशीमाप की जानकारी होती है जो भूमि मापने के