________________ जैन साहित्य का समाजशास्त्रीय इतिहास स्वयंवर विवाह प्रचलित थे / राज्य परिवारों एंव उच्चवर्गीय व्यक्तियों में बहुपत्नी विवाह प्रचलित थे / इसीकारण विवाहित महिलाओं एंव विधवाओं की संख्या अत्यधिक थी। जैन पुराणों में विधवा विवाह के उल्लेख मिलते हैं लेकिन यह सार्वभौमिक नहीं था। पति की मृत्यु के बाद सादा जीवन एंव आजीवन उसी अवस्था में रहने का निर्देश दिया गया है।५ | जैन परम्परा में मामाफूफी के लड़के लड़कियों में परस्पर विवाह की प्रथा का भी उल्लेख प्राप्त होता है१८६ / दहेज प्रथा प्रचलित थी८७ | हिन्दू परम्परा की भांति पुत्र न होने पर पुत्र द्वारा मोक्ष प्राप्ति के लिए दूसरा विवाह जैन परम्परा में मान्य नहीं था लेकिन हिन्दू परम्परा में परम्परागत प्रचलित नियोग प्रथा को जैन समाज में भी अपनाया गया। राज्य का उत्तराधिकारी न होने पर साधुओं को धर्मश्रवण के बहाने राजप्रासाद में बुलाकर उनसे सन्तानोत्पति कराने के उल्लेख मिलते हैं१८ | कभी कभी पुरुषों द्वारा स्त्रियों का अपहरण करने की जानकारी होती है६ | विवाह की वेदी पर चित्र रचना की जाती थी। यौन नैतिकता ___ वेश्या सेवन, द्यूत, तथा सुरापान प्रचलित थे९१। राजघरानों में धार्मिक सन्यासियों के गुप्त यौन सम्बन्ध एंव मित्र की पत्नी में आसक्ति होने के उदाहरण प्राप्त होते हैं।२ / नैतिक दृष्टि से पर पुरुष एंव परनारी का परिवार ही श्लाध्य था३ / अनैतिक दृष्टि से गर्भधारण करने वाली स्त्रियों को परिवार से निर्वासित कर दिया जाता था। नारी का स्थान जैन परम्परा में पुत्रों के समान ही पुत्रियों के साथ व्यवहार करने का निर्देश दिया गया है। स्त्रियाँ मुनिधर्म में दीक्षित एंव श्राविका व्रत को ग्रहण कर सकती थी'६५ महावीर के अनुयायियों में श्राविकाएं एंव आर्यिकाएं भी थीं। पैतृक सम्पति में पुत्र के समान अधिकार रखती थी६६ | स्त्रियों को चक्रवर्ती के 14 रत्नों में गिना गया है, जैन ग्रन्थों में स्त्रियों को चौंसठ कलाओं का ज्ञाता कहा गया है। स्त्रियों द्वारा कठोर तप करने की भी जानकारी होती है१६७ | स्त्रियों द्वारा खण्डकाव्यों का भी निर्माण किया गया है | राज्य दरबारों में स्त्रियों द्वारा स्वतन्त्रतापूर्वक जाने एंव राजा द्वारा उनका सम्मान करने की जानकारी होती है।६६ | पर्दा प्रथा का अभाव था वे तीर्थस्थानों पर जाती थीं। स्त्रियों द्वारा युद्धादि में जाने एंव प्रति पक्षी को ललकारने के उल्लेख मिलते हैं२००। .. .