Book Title: Jain Sahitya ka Samajshastriya Itihas
Author(s): Usha Agarwal
Publisher: Classical Publishing Company
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________________ 154 जैन साहित्य का समाजशास्त्रीय इतिहास 232. बं०चं० 15/125, प्र०चं० 6/60, य०च०८/४३४-४८, वाचं० 11/47 233. व०च० 12/70, 13/83 234. जी०च० 4/11, य०च०८/१५०-५४ 235. त्रिश०पु०च० 1/6/432-33 236. य०च०पू०ख 4/110, व०च० 15/53 237. बं०च० 31/17 238. बं०च० 15/112, 31/76, वं०च० 15/54 236. वही 15/113, 31/77, व०च० 15/55 240. बं०च० 31/78, 15/114, व०व० 15/56-57 241. वही 15/115, 31/76, व०च० 15/58 242. वही 15/116, 31/80, वही 15/56 243. व०च० 15/60 244. बं०च० 31/81-83. त्रिश०पु०च० 1/1/177 245. बं०च०३१/१०६, व०व० 15/84 246. बं०च० 31/84, त्रिश०पु०च० 1/1/178-82, पा०टि०४ / भारतीय संस्कृति में जैन धर्म का योगदान पृ० 270-71 247. व०च० 15/84 / 16/4 248. व०च० 11/25 246. बं०च०२८/३१, व०च०१५/८६ / 250. बं०च० 31/86 व०च० 15/60 251. बं०च० 31/87 व०च० 15/61 252. बं०च० 31/88 व०च० 15/62 253. बं०च० 31/86 व०च० 15/63 254. वही 31/60 वही 15/64 255. वही 31/61, वही 15/64 256. वही 31/62, वही 15/66 . 257. वही 31/63, वही 15/67 258. वही 31/64, वही 15/68 256. बं०च०३१/६५, व०च०१५/६६ 260. बं०च०३१/६६, व०च०१५/१०० 261. बं०च०३१/६७, व०च० 15/101-102 262. व०च०१५/८६-८६, भारतीय संस्कृति में जैनधर्म का योगदान पृ० 268 : 263. प्र०च० 6/62-65, त्रिश०पु०च० 1/1/146-51

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