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m+ काम, द्वंद्व और शास्त्र से निष्काम, निद्वंद्व और स्वानुभव की ओर HAR
अपने-अपने मोहग्रस्त शब्द हैं। हम सबके अपने-अपने-कोई है, लेकिन अपना। मुसलमान है, कोई हिंदू है, कोई ईसाई है-सबके अपने वेद हैं। ___ मैं अपनी आंख से देख रहा हूं, यह ज्ञान है। मैं अंधा हूं, आप कोई इस मूर्ति का पूजक, कोई उस मूर्ति का पूजक; कोई इस मंत्र | | देखते हैं और मुझे कहते हैं, यह शास्त्र है। नहीं कि आप गलत का भक्त, कोई उस मंत्र का भक्त है। सबके अपने-अपने कुएं हैं। | कहते हैं। ऐसा नहीं कि आप गलत ही कहते हैं। लेकिन आप कहते
कृष्ण यहां कह रहे हैं, इनके लिए सागर को छोड़ना खतरनाक | | हैं, आप देखते हैं। आप जो आंख से करते हैं, वह मैं कान से कर है। हां, इससे उलटा, वाइस-वरसा हो सकता है। सागर के लिए | | रहा हूं। फर्क पड़ने वाला है। कान आंख का काम नहीं कर सकता। इनको छोड़ने में कोई भी हर्ज नहीं है। क्योंकि जो इनमें मिलेगा. वह । इसलिए शास्त्र के जो पराने नाम हैं. वे बहत बढिया हैं। श्रति. अनंत गुना होकर सागर में मिल ही जाता है।
| सुना हुआ देखा हुआ नहीं। स्मृति, सुना हुआ, स्मरण किया इसलिए वह व्यक्ति अभागा है, जो अपने घर के कुएं के हुआ, याद किया हुआ, मेमोराइज्ड-जाना हुआ नहीं। सब शास्त्र लिए—बाइबिल, कुरान, वेद, गीता...गीता भी! गीता का कृष्ण | | श्रुति और स्मृति हैं। किसी ने जाना और कहा। हमने जाना नहीं और ने उल्लेख नहीं किया, कैसे करते! क्योंकि जो वे कह रहे थे, वही सुना। जो उसकी आंख से हुआ, वह हमारे कान से हुआ। शास्त्र गीता बनने वाला था। गीता तब तक थी नहीं। मैं उल्लेख करता हूं, कान से आते हैं, सत्य आंख से आता है। सत्य दर्शन है, शास्त्र गीता भी! जो इनमें मिलता है, इससे अनंत गुना होकर ज्ञान में मिल श्रुति हैं। ही जाता है। इसलिए जो इनके कारण ज्ञान के लिए रुकावट बनाए, | | दूसरे का अनुभव, कुछ भी उपाय करूं मैं, मेरा अनुभव नहीं है। इनके पक्ष में ज्ञान को छोड़े, वह अभागा है। लेकिन जो ज्ञान के हां, दूसरे का अनुभव उपयोगी हो सकता है। इसी अर्थ में उपयोगी लिए इन सबको छोड़ दे, वह सौभाग्यशाली है। क्योंकि जो इनमें हो सकता है-इस अर्थ में नहीं कि मैं उस पर भरोसा का लूं, मिलेगा, वह ज्ञान में मिल ही जाने वाला है।
विश्वास कर लूं, अंधश्रद्धालु हो जाऊं; इस अर्थ में तो दुरुपयोग . लेकिन क्या मतलब है? ज्ञान का और वेद का, ज्ञान का और | | ही हो जाएगा; हिन्डेंस बनेगा, बाधा बनेगा-इस अर्थ में उपयोगी शास्त्र का फासला क्या है? भेद क्या है?
हो सकता है कि दूसरे ने जो जाना है, उसे जानने की संभावना का गहरा फासला है। जो जानते हैं, उन्हें बहुत स्पष्ट दिखाई पड़ता द्वार मेरे लिए भी खुलता है। जो दूसरे को हो सका है, वह मेरे लिए है। जो नहीं जानते हैं, उन्हें दिखाई पड़ना बहुत मुश्किल हो जाता भी हो सकता है, इसका आश्वासन मिलता है। जो दूसरे के लिए है। क्योंकि किन्हीं भी दो चीजों का फासला जानने के लिए दोनों | हो सका, वह क्यों मेरे लिए नहीं हो सकेगा, इसकी प्रेरणा। जो दूसरे चीजों को जानना जरूरी है। जो एक ही चीज को जानता है, दूसरे | के लिए हो सका, वह मेरे भीतर छिपी हुई प्यास को जगाने का
को जानता ही नहीं, फासला कैसे निर्मित करे? कैसे तय करे? कारण हो सकता है। लेकिन बस इतना ही। जानना तो मुझे ही ___ हम शास्त्र को ही जानते हैं, इसलिए हम जो फासले निर्मित करते | पड़ेगा। जानना मुझे ही पड़ेगा, जीना मुझे ही पड़ेगा, उस सागर-तट हैं, ज्यादा से ज्यादा दो शास्त्रों के बीच करते हैं। हम कहते हैं, कुरान | तक मुझे ही पहुंचना पड़ेगा। कि बाइबिल, वेद कि गीता, कि महावीर कि बुद्ध, कि जीसस कि | | एक और मजे की बात है कि घर में जो कुएं हैं, वे बनाए हुए जरथुस्त्र। हम जो फासले तय करते हैं, वे फासले ज्ञान और शास्त्र होते हैं, सागर बनाया हुआ नहीं होता। आपके पिता ने बनाया होगा के बीच नहीं होते, शास्त्र और शास्त्र के बीच होते हैं। क्योंकि हम घर का कुआं, उनके पिता ने बनाया होगा, किसी ने बनाया होगा। शास्त्रों को जानते हैं। असली फासला शास्त्र और शास्त्र के बीच जिसने बनाया होगा, उसे एक सीक्रेट का पता है, उसे एक राज का नहीं है, असली फासला शास्त्रों और ज्ञान के बीच है। उस दिशा में पता है कि कहीं से भी जमीन को तोड़ो, सागर मिल जाता है। कुआं थोड़ी-सी सूचक बातें खयाल ले लेनी चाहिए।
है क्या? जस्ट ए होल, सिर्फ एक छेद है। आप यह मत समझना ज्ञान वह है, जो कभी भी, कभी भी अनुभव के बिना नहीं होता | कि पानी कुआं है। पानी तो सागर ही है, कुआं तो सिर्फ उस सागर है। ज्ञान यानी अनुभव, और अनुभव तो सदा अपना ही होता है, | | में झांकने का आपके आंगन में उपाय है। सागर तो है ही नीचे फैला दूसरे का नहीं होता। अनुभव यानी अपना। शास्त्र भी अनुभव है, | | हुआ। वही है। जहां भी जल है, वहीं सागर है। हां, आपके आंगन लेकिन दूसरे का। शास्त्र भी ज्ञान है, लेकिन दूसरे का। ज्ञान भी ज्ञान | | में एक छेद खोद लेते हैं आप। कुएं से पानी नहीं खोदते, कुएं से
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