Book Title: Gita Darshan Part 01
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

View full book text
Previous | Next

Page 476
________________ m+ गीता दर्शन भाग-1 AM यह उत्तर बहुत गहरा नहीं है, क्योंकि अर्जुन को अगर यह उत्तर दिया तक। फिर वह गिरेगा कैसे? कुछ अवरोध हो, कोई हो जो रोकता जाए, तो अर्जुन कहेगा, वह परमात्मा उस पापात्मा पर कुछ नहीं कर | हो। आप भी पृथ्वी पर नहीं हो सकेंगे। कभी के हम उड़ गए होते। पाता? वह परमात्मा उस शैतान को कुछ नहीं कर पाता? तो क्या वह | | वह जमीन खींच रही है, तमस, ग्रेविटेशन का भार हमें रोके हुए है। शैतान परमात्मा से भी ज्यादा शक्तिशाली है? और अगर शैतान | अभी जो अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष यात्रा पर गए, उनकी बड़ी से परमात्मा से ज्यादा शक्तिशाली है, तो मुझे परमात्मा के चक्कर में | बड़ी कठिनाइयों में एक कठिनाई यह है कि जैसे ही जमीन के क्यों उलझाते हो, मैं शैतान को ही नमस्कार करूं! ग्रेविटेशन के बाहर होते हैं दो सौ मील के पार, वैसे ही कशिश __ अनेक चिंतकों ने दूसरा एक तत्व खोजने की कोशिश की है। समाप्त हो जाती है, तो आदमी गुब्बारे जैसा हो जाता है, जैसे गैस कि एक दसरा भी है परमात्मा के अलावा, जो लोगों को पाप में भरा गब्बारा उडने लगता है। तो अगर बेल्ट न बंधा हो की से. धक्के दे रहा है। लेकिन यह उत्तर न तो मनोवैज्ञानिक है, न बहुत | तो आप यान की कुर्सी से तत्काल उठकर यान के टप्पर से गुब्बारे गहरा है। इससे तो केवल वे ही राजी हो सकते हैं, जो किसी भी | की तरह टकराने लगेंगे। फिर नीचे भी उतर नहीं सकते, कोई ताकत चीज के लिए राजी हो सकते हैं। इस उत्तर से और कोई राजी नहीं | काम नहीं करती नीचे उतरने के लिए। चांद पर यही कठिनाई है, हो सकता। क्योंकि तमस चांद का कम है, आठ गुना कम है। इसलिए चांद पर इसलिए कृष्ण ऐसा उत्तर नहीं देते हैं। कृष्ण बहुत मनोवैज्ञानिक अगर हम मकान बनाएंगे, तो चोर आठ गुना ऊंची छलांग लगा उत्तर देते हैं। वे यह कहते हैं, प्रकृति के तीन गुण हैं, रजस, तमस | सकता है। फुटबाल को वहां चोट मारेगा खिलाड़ी, तो यहां जमीन और सत्व। उनका उत्तर बहुत वैज्ञानिक है। वे कहते हैं, प्रकृति | | पर जितनी ऊंची जाती है, उससे आठ गुनी ऊंची चली जाएगी। त्रिगुणा है। । यह जो तमस का अर्थ है इनरशिया, अवरोधक शक्ति। अब बड़े और मैं आपको यह कहूं कि यह तीन गुणों की बात जब कृष्ण | मजे की बात है कि अगर अवरोधक शक्ति न हो, तो गति भी ने कही थी, तब बड़े वैज्ञानिक आधार रखती थी। लेकिन कृष्ण के | | असंभव है। गति भी इसीलिए संभव है कि अवरोधक शक्ति का बाद पिछले पांच हजार सालों में जितने लोगों ने कही, उनको इसके | | उपयोग कर पाते हैं। आपकी कार में जैसे ब्रेक न हों, फिर गति भी विज्ञान का कुछ बोध नहीं था। दोहराते रहे। लेकिन अभी पश्चिम | | संभव नहीं है, आप पक्का समझ लेना। फिर कार चलनी भी संभव में पिछले बीस साल में विज्ञान ने फिर कहा कि प्रकृति त्रिगुणा है। नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि नहीं चल सकती। चल गई, जिस दिन हम आधुनिक सदी में परमाणु का विश्लेषण कर सके, | | बस एक ही दफा चल गई। उसमें वह ब्रेक भी चाहिए, जो परमाणु को तोड़ सके, उस दिन बड़े चकित होकर हमें पता चला | अवरोधक है। एक्सीलेरेटर ही काफी नहीं है, उसमें अवरोधक...। कि परमाणु तीन हिस्सों में टूट जाता है। पदार्थ का जो अंतिम | जीवन एकदम विस्फोट हो जाए, अगर उसमें रोकने वाली परमाण है. वह तीन हिस्सों में टट जाता है. इलेक्टान. न्यटान और | | ताकत न हो। इनरशिया, तमस जो है, वह रोकने वाली ताकत है। प्रोटान में टूट जाता है। और वैज्ञानिक कहते हैं कि इन तीन के बिना | रजस जो है, वह गति की मूवमेंट की ताकत है। ये उलटी ताकते परमाणु नहीं बन सकता। और इन तीन के जो गुणधर्म हैं, वे वही | | हैं। तमस रोकता, रजस गति देता। शक्ति है, एनर्जी है। सत्व तीसरा गुणधर्म हैं, जो सत, रज और तम के हैं। ये तीन जो काम करते हैं, | कोण है। जैसे कि हम एक ट्राएंगल बनाएं, दो कोण नीचे हों और वे वही काम करते हैं, जो हम बहुत पुराने दिनों से सत, रज और | एक ऊपर हो। सत्व इन दोनों के ऊपर है, कहें कि इन दोनों का तम शब्दों से लाते थे। | बैलेंस है, संतुलन है। सत्व बैलेंसिंग है, वह संतुलन है। अगर गति उसमें तमस जो है, इनरशिया, वह अवरोध का तत्व है, स्थिरता | | भी हो, रोकने वाला भी हो, लेकिन संतुलन न हो...। का तत्व है। अगर तमस न हो, तो जगत में कोई भी चीज स्थिर नहीं | जैसे एक कार है, उसमें एक्सीलेरेटर भी है और ब्रेक भी है, रह सकती। आप एक पत्थर उठाकर फेंकते हैं। अगर जगत में कोई | | लेकिन ड्राइवर नहीं है। वह जो ड्राइवर है, वह पूरे वक्त बैलेंसिंग तमस न हो, कोई ग्रेविटेशन न हो, रोकने वाली कोई ताकत, | है। जब जरूरत होती है, तो ब्रेक पर पैर ले जाता है; जब जरूरत अवरोधक न हो, तो फिर पत्थर कभी भी गिरेगा नहीं। फिर आपने | | होती है, तो एक्सीलेरेटर पर पैर ले जाता है। वह पूरे वक्त बैलेंस फेंक दिया, फेंक दिया; फिर वह चलता ही रहेगा, अनंत काल | | कर रहा है। सत्व जो है, वह बैलेंसिंग है। 446

Loading...

Page Navigation
1 ... 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512