Book Title: Gautam Pruccha
Author(s): Purvacharya
Publisher: Indrachand Agarchand Seth

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्री गौतमपृच्छा ॥ ॥६॥ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir खुत्र लाडेकोडे उछर्यो हतो. तेमने टीपुबाइ, पानीबाइ, शान्तीबाई, अते लीलावतीबाई आ चार बहेनो हती. केसरीमल १६-१७ वर्षना थया त्यां तो तेमणे मुंबई शान्ताक्रुझ खाते आवेली पोतानी पेढीनो कारभार संभाळी लीधो अने चार वर्षमा पोतानी बुद्धि अने भाग्य प्रमाणे सारं द्रव्य पण उपार्जन कर्यु. वि. सं. २००३ मां तेमनी २१ वर्षनी उंमरे सादडी गामना वतनी शेठश्री नथमलजीनी सुपुत्री सुलक्षणा शांतिबाई साथै तेमना लय थयां. भाविना गर्भनी थोडीज कोइने खबर छे के कालनुं भावि केनुं तोळाई रधुं छे. अने शुं बनवानुं छे. शरीर नीरोगी e. धर्मप्रेम अने नीतिमत्ता जीवनमां हती. कोइ उपद्रव न हतो. छतां अचानक केसरीमल मांदा पडथा अने वि. सं. २००४ ना भादवा सुद १३ ना दीवसे उगती युवानीमां मृत्यु पाम्या. शान्तिवाह उपर आफतनो डुंगर उतरी पडथो. पण धर्ममय जीवनने समजेल होवाथी तेमणे कर्मसत्ता आगळ माणसनुं शुं गजुं तेम मानी संतोष मान्यो. आ गौतमपृच्छा ग्रंथ शांतिबाइए पोताना पतिना स्मरणार्थे छपावी श्री श्रमण संघने अर्पण करेल . एज. प्रकाशक For Private And Personal Use Only *********** संक्षिप्त जीवन रेखा | ६॥

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