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41. हरिभाऊ उपाध्याय, बापू-कथा, 30,156 42. आचार्य महाप्रज्ञ, महाप्रज्ञ ने कहा-6.134. मार्च, 2006 43. विज्ञप्ति, 28.3.2009.7 44. गांधीजी, मेरे सपनों का भारत, पृ. 196 45. महाप्रज्ञ ने कहा-4.44,69 46. महाप्रज्ञ ने कहा-16.17.18 47. आचार्य महाप्रज्ञ, लोकतंत्र-नया व्यक्ति नया समाज, 122-3 48. मेरे सपनों का भारत, 196-7 49. बापू-कथा, 30-31 50. बी.आर.नन्दा, महात्मा गांधी, 276 51. मेरे सपनों का भारत, 200 52. विज्ञप्ति, 18-28.8.2002.6 53. आचार्य महाप्रज्ञ, मुक्त भोग की समस्या और ब्रह्मचर्य, 43 54. आचार्य महाप्रज्ञ, महाप्रज्ञ ने कहा-16.15-16 55. युगीन समस्या और अहिंसा, 56 56. विज्ञप्ति 24.30 अगस्त 2008,11-6-12 जुलाई, 2008,10 57. राजस्थान पत्रिका, जोधपुर 30 जनवरी 2002-7 58. आचार्य महाप्रज्ञ, आमंत्रण आरोग्य को, 101-5 59. आचार्य महाप्रज्ञ, अहिंसा और शांति, 120-21 60. आचार्य महाप्रज्ञ, महाप्रज्ञ ने कहा-16,79 61. लोकतंत्र : नया व्यक्ति नया समाज, 125,83 62. अहिंसा यात्रा के अमिट पदचिन्ह, भा-1.195 63. महाप्रज्ञ ने कहा-4,72 64. महाप्रज्ञ ने कहा-8,15 65. महाप्रज्ञ न कहा-4,84 66. अहिंसा और शांति, 139 67. गांधीजी, अहिंसा-4.368-9 68. आचार्य महाप्रज्ञ, परिवार के साथ कैसे रहे?, 5 69. आचार्य महाप्रज्ञ, महाप्रज्ञ ने कहा-26,78,104 70. परिवार के साथ कैसे रहे?, 49-53
71. आचार्य महाप्रज्ञ-सार्थकता मनुष्य होने की, 51 72-74. परिवार के साथ कैसे रहे?, 143, 149-51, 34-38
75. अहिंसा-1,6 76. घट-घट दीप जले, 120. 77. अहिंसा के अछूते पहलु, 25 78. जैन भारती, मार्च 2003 79. लोकतंत्र-नया व्यक्ति नया समाज, 89-90 80. परिवार के साथ कैसे रहे?, 75-87 81. महाप्रज्ञ ने कहा-26,87 82. मेरे सपनों का भारत, 80-81 83. अहिंसा-2, 141, 147 84. युवाचार्य महाप्रज्ञ, मैं हूं अपने भाग्य का निर्माता, 246. युवादृष्टि जनवरी 1999.5
अहिंसा का राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप / 265